बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए पाठशालाओं में संस्कार तथा अध्यात्मिक की शिक्षा हो अनिवार्य – रामसरन चौहान 

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सुरभि न्यूज़

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट

बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए सभी पाठशालाओं में संस्कार तथा अध्यात्मिक विषयों की पढ़ाई का होना बहुत ही जरूरी हो गया है। बच्चे उच्च शिक्षा बेशक कितनी भी ग्रहण कर लें मगर जब तक बच्चों को संस्कार तथा अध्यात्मिक ज्ञान की पढ़ाई नहीं पढ़ाई जाएगी तब तक बच्चों में निखार नहीं आएगा। चौहार घाटी के थुजी गांव से संबंध रखने वाले समाज सेवक व पूर्व सूबेदार रामसरन चौहान तथा कथयाडू गांव के तेजमल ठाकुर का कहना है कि जिस तरह से पाठशालाओं में बच्चों को समाज, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी व संस्कृत कला विषयों की पढ़ाई निरंतर पढ़ाई जाती है उसी तर्ज़ पर सभी पाठशालाओं में प्रथम कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने तक बच्चों को संस्कार व अध्यात्मिक विषयों की शिक्षा दी जानी चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि इन विषयों की पढ़ाई का बचपन से बच्चों का आधार मजबूत बनाना बहुत ही आवश्यक हो गया है। संस्कार तथा अध्यात्मिक शिक्षा का ज्ञान होने से एक तो बच्चे अपने सही मकसद से नहीं भटकेंगे वहीँ आंतरिक ज्ञान होने से कुकृत्य व नशे से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चे आने वाले कल का भविष्य है इसलिए इन बच्चों को अच्छी गुणवता वाली व अध्यात्मिक ज्ञान वाली शिक्षा प्रदान करना अब समय की मांग बन गया है। सरकार को ऐसी शिक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता के आधार पर तत्काल लागू करना चाहिए। संस्कार तथा अध्यात्मिक शिक्षा का ज्ञान की शिक्षा पाने से सभी बच्चे पत्थर से पारस बन जाएंगे।

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