मंत्रिमंडल के अहम फैसले : मल्टी टास्क वर्करों का मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रतिमाह करने को दी मंजूरी

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

शिमला, 28 जून

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।

राज्य मंत्रिमंडल ने पे मैट्रिक्स लेवल-11 के पदों को ग्रुप बी से ग्रुपसी में पुनर्वर्गीकृत करने को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से अब केवल हिमाचली उम्मीदवार ही इन पुनर्वर्गीकृत ग्रुप सी पदों के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। इससे पहले लेवल-11 के इन पदों को ग्रुप बी के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता था और भर्ती हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से की जाती थी, जिसमें देश भर के आवेदक शामिल होते थे।

मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग के मल्टी टास्क वर्करों का मानदेय 5,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रतिमाह करने को भी मंजूरी दी। इससे लगभग 5,000 कर्मियों को लाभ मिलेगा। मंत्रिमंडल ने पात्र गैर सरकारी डेयरी सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए दुग्ध प्रोत्साहन योजना शुरू करने का निर्णय लिया, जिसके तहत प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों को तीन रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने के निर्णय को मंजूरी दी गई। यह कदम कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित करने के अनुरूप है और इसका उद्देश्य शिमला शहर में भीड़भाड़ कम करने में मदद करना है। बैठक में जिला पुलिस देहरा की पुलिस लाईन में विभिन्न श्रेणियों के 101 पदों को सृजित करने तथा भरने का निर्णय लिया गया।

स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा परंपरागत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए ब्याज सब्सिडी के प्रावधान को मंजूरी दे दी है। इस पहल के तहत जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से 1 मेगावाट तक की सौर परियोजनाओं के लिए पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जबकि गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए चार प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

मंत्रिमंडल ने ग्रीन पंचायत योजना के तहत 100 पंचायतों में 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए हिमऊर्जा और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी।

प्रत्येक परियोजना से प्रति माह लगभग 25 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। आय का 30 प्रतिशत हिमऊर्जा को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार को और 40 प्रतिशत संबंधित ग्राम पंचायतों को जाएगा। अनाथों और विधवाओं के कल्याण के लिए विशेष रूप से ग्राम पंचायतों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत हिस्सा आवंटित किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में मानव जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए राज्य की प्रत्येक 3645 पंचायतों में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की।

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