अखिल भारतीय साहित्य परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन संपन्न, डॉ रीता सिंह को सौंपी प्रदेशाध्यक्ष की कमान

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, कुल्लू : 07 अगस्य

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् साहित्य संवदेन एवं सतत् प्रवाहित साहित्य सृजन की निरंतरता के व्यापक लक्ष्य के साथ राष्ट्र स्तर पर हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत भी क्रियाशील है।

प्रदेशाध्यक्ष डॉ रीता सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि साहित्य संवदेन एवं साहित्य विकास हेतु हिमाचल प्रदेश कार्यकारिणी नव गठन की सहर्ष घोषणा प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, द्वारा अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संविधान और उद्देश्यों के अनुरूप प्रदेश कार्यकारिणी के विभिन्न पदों का दायित्व निम्न सम्मानित विदत जनों को सौंपा जाता है। यह आदेश प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के अनुमोदन से तत्काल प्रभाव से प्रभावी होंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी अखिल भारतीय परिषद हि०प्र० के कार्यकाल की अवधि (2 वर्ष ) दो वर्षों के लिए मान्य है।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् हिमाचल प्रदेश कार्यकारिणी में निम्नलिखित पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन किया गया है।

1. प्रदेश अध्यक्ष :- डा. रीता सिंह

2. प्रदेश संयोजक :- डा. गौतम शमी शर्मा व्यथित (कांगड़ा)

३. प्रदेश उपाध्यक्ष :- डा. विद्या शारदा (शिमला)

4. प्रदेश उपाध्यक्ष :- डा. अनेक राम सांख्यिान (बिलासपुर)

5. प्रदेश उपाध्यक्ष :- जवांग उपासक (लाहौल)

6. प्रदेश महामंत्री :- डा० इंद पराशर (उना)

7. प्रदेश सहमंत्री :- शेरू बाबा (लाहौल-स्थित नग्गर )

8. प्रदेश प्रचार मंत्री :- हेम राज ठाकुर (मंडी)

9. प्रदेश सह-प्रचार मंत्री :- प्रताप अरनोट (जोगिंदर नगर)

10. प्रदेश प्रबंध एवं व्यवस्था मंत्री :- युद्धवीर टंडन (चंबा )

11. प्ररेश कोषाध्यक्ष :- राज सिंह राज (कुल्लू)

12. विशिष्ट सलाह‌कार :- त्रिलोक मेहरा, (कांगड़ा)

13. विशिष्ट सलाहकार :- उत्तम चंद्र शर्मा (सुन्दर नगर, मंडी)

14. विशिष्ट सलाम्कार :- चिरानंद (सिरमौर)

15. सम्मानित सदस्य :- शिव कुमार गर्ग (उना)

16. सम्मानित सदस्य :- गुरमीत कौर (सिरमौर)

17′ सम्मानित सदस्य :- के. डी. हिमाचली (कांगड़ा)

18. सम्मानित सदस्य :- शक्ति चढ़ा (कांगड़ा)

19. सम्मानित सदस्य सदस्य :- भारती कुटियाला (शिमला)

प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी के उपरोक्त प्रराधिकारियों से अपेक्षा है कि सभी अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के उद्देश्यों के अनुरुप साहित्य सृजन विकास हेतु आस्था से कार्य करेंगे एवं पद की गरिमा बनाए रखेंगे।

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