सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
बड़ा भंगाल तथा छोटा भंगाल घाटी को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग स्थानीय निवासियों की कई दशकों से ही चली आ रही है।
आज़ादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिला कांगड़ा की दुर्गम घाटी को अनुसूचित जन जातीय क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 1967 से बैजनाथ विधान सभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। आजतक 12 बार विधान सभा चुनाव हो चुके हैं उनमें से आठ बार काँग्रेस तथा चार बार भाजपा समर्थित विधायकों ने इस क्षेत्र की बागडोर संभाली है।
आज दिन तक किसी भी पार्टी के विधायकों ने दुर्गम बड़ा भंगाल तथा छोटा भंगाल घाटी में विकट परिस्थिति में जीवन यापन कर रहे निवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्ज़ा दिलवाने की ज़हमत नहीं उठायी।
उलेखनीय है कि बड़ा भंगाल पंचायत में दो गाँवों पड़ते है जिसमें लगभग 650 लोग रहते हैं और छोटाभंगाल के तहत सात पंचायतें पड़ती है जिसमें 33 गाँवों में 8500 लोग रहते हैं।
दोनों दुर्गम क्षेत्र साल में चार से छः माह तक भारी बर्फवारी से ढके रहते है। इन दोनों क्षेत्र के अधिकतर लोग मात्र खेतीबाड़ी व भेड़-बकरी पालन पर ही निर्भर है और रोज़गार के कोई भी साधन नहीं है।
बर्फवारी के चलते अधिकाँश लोग अपने परिवार सहित नवम्बर से अप्रेल माह तक चार से छह माह के लिए रोजीरोटी कमाने ले किए निचले क्षेत्रों में पलायन कर लेते हैं।
इसके साथ भारी बर्फवारी के चलते सड़क महीनों तक अबरुद्ध होने के साथ कई दिनों तक विद्युत आपूर्ति तक बाधित रहती है। साथ में दूरसंचार व्यवस्था भी ठप हो जाती है। ऐसी स्थिति में यहाँ पर जीवन यापन कर पाना बहुत ही कठिन है।
विभिन्न समस्याओं को देखते हुए बड़ा भंगाल तथा छोटा भंगाल के पंचायत प्रतिनीधियों ने कई बार विधायक से लेकर मंत्री तथा मुख्यमंत्री के समक्ष दुर्गम क्षेत्रों को अनुसूचित जनजाति घोषित करने की मांग उठाई। मगर आजतक किसी भी सरकार ने इनके बारे में नहीं सोचा जिससे दुर्गम क्षेत्र के निवासियों में रोष पनपता जा रहा है।
पंचायत के प्रधान मनसा राम, बड़ा ग्रां के उपप्रधान राज कुमार, कोठी कोहड़ पंचायत की प्रधान रक्षा देवी, उपप्रधान रणजीत सिंह, धरमान पंचायत की प्रधान रेखा देवी, उपप्रधान राजदेव, मुल्थान पंचायत की प्रधान दुर्गेश, लोआई पंचायत के उपप्रधान तिलक ठाकुर, पोलिंग पंचायत के उप प्रधान छांगा राम, स्वाड़ पंचायत की प्रधान गुड्डी देवी, उपप्रधान सुनील कुमार ने स्थानीय विधायक मुल्ख राज प्रेमी तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इसं दोनों दुर्गम क्षेत्रों को जल्द से जल्द अनुसूचित जनजाति का दर्ज़ा दिया जाए नहीं तो आने वाले चुनावों में इसका परिणाम भुगतना होगा।