आनी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने भाजपा कांग्रेस पर ही जताया है भरोसा, निर्दलीय या अन्य पार्टी की नहीं हुई कभी जीत

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सुरभि न्यूज़ डेस्क

जितेन्द्र गुप्ता, आनी

अगर इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो आनी विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अब तक 12 बार हुये विधानसभा चुनावों में भाजपा या कांग्रेस के अलावा न तो किसी दूसरी पार्टी पर भरोसा जताया है और न ही आजाद उम्मीदवारों पर। आनी से अब तक 8 बार कांग्रेस और 4 बार भाजपा का विधायक बना है।

आनी में आज तक आजाद या निर्दलीयों पर जनता ने भरोसा नहीं किया। यहां तक कि 9 बार कांग्रेस से चुनाव लड़कर 7 बार जीत हासिल करने वाले विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके कांग्रेस के ईश्वर दास भी जब 2012 में टिकट कटने के बाद आजाद चुनाव लड़ रहे थे तो उन्हें 5172 वोट ही मिले और चौथे स्थान पर रहे थे, जबकि उनसे ज्यादा वोट हिलोपा के नन्द लाल को मिले थे।

यही हश्र भाजपा के दो बार विधायक रह चुके और टिकट कटने पर हिविंका और निर्दलीय चुनाव लड़ने पर खूब राम आंनद का भी हुआ था।

आनी में कांग्रेस ने वर्ष 1967, 1972, 1977, 1985, 1994, 1998, 2003 और 2012 में जीत हासिल की है। 1967 और 1972 के चुनावों में आनी विधानसभा क्षेत्र आउटर सिराज विधानसभा क्षेत्र के नाम से जानी जाती थी। जबकि 1977 में हुए चुनावों में इसे आनी विधानसभा क्षेत्र का नाम दिया गया।

आनी में कांग्रेस के 8 बार जीत में आनी से 2012 को छोड़ 7 बार ईश्वर दास जीते हैं। 2012 में कांग्रेस ने ईश्वर दास का टिकट काटकर पूर्व भाजपा विधायक खूब राम आनंद को टिकट दिया था और वे चुनाव जीत गए थे। जबकि कांग्रेस ने 1990 में ईश्वर दास का टिकट काट कर दीवान सिंह पर दांव खेला था और वह चुनाव हार गए थे। जबकि भाजपा ने वर्ष 1982, 1990, 2007 और 2017 में चुनाव जीता।

इस बार पहला मौका है जब एक ओर भाजपा के पूर्व में दो बार विधायक रह चुके किशोरी लाल सागर आजाद चुनाव लड़ रहे हैं तो दूसरी और कांग्रेस के टिकट पर 2017 में चुनाव लड़ चुके पूर्व प्रत्याशी परस राम बागी होकर आजाद ताल ठोक चुके हैं।

1993 से 2003 तक कांग्रेस ने लगातार भाजपा को यहां पछाड़ा है। जबकि कांग्रेस से 9 बार चुनाव लड़ चुके और 7 बार जीते ईश्वर दास का 2012 में टिकट कटने के बाद कांग्रेस हर बार प्रत्याशी बदल रही है।

2012 में ईश्वर दास का टिकट काट कर भाजपा के पूर्व में दो बार विधायक रह चुके खूब राम आंनद पर कांग्रेस ने दांव खेला और खूब राम आंनद जीत भी गए।

लेकिन 2017 में खूब राम आनंद का टिकट काट कर पहले बंसी लाल और फिर बदल कर परस राम को टिकट दिया गया था। जिसमें परस राम की हार 5983 मतों से भाजपा के किशोरी लाल सागर से हुई।

वहीं इस बार 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व प्रत्याशी परस राम को टिकट न देकर बंसी लाल को टिकट दिया है। जबकि भाजपा ने युवा लोकेन्द्र कुमार पर भरोसा जताया है।

फलस्वरूप इस बार पहली बार भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही बागी नेता आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में अब देखना यह है कि कौन अपनी अपनी पार्टियों को कितना नुकसान पहुंचाते हैं या फिर बतौर आजाद उम्मीदवार जीत कर इतिहास बदल पाते हैं।

कौन कब कब जीता :-
1967 : ईश्वर दास कांग्रेस       -जे राम आजाद                                   -कांग्रेस जीती
1972 : ईश्वर दास कांग्रेस      -टलकु राम सीपीआई                           -कांग्रेस जीती
1977 : ईश्वर दास कांग्रेस      -शारदा जनता पार्टी                              -कांग्रेस जीती
1982 : खूब राम भाजपा       -ईश्वर दास कांग्रेस                                -भाजपा जीती
1985 : ईश्वर दास कांग्रेस      -खूब राम भाजपा                                 -कांग्रेस जीती
1990 : खूब राम भाजपा       -दीवान सिंह कांग्रेस                             -भाजपा जीती
1994 – ईश्वर दास कांग्रेस      -तेज राम भाजपा                                 -कांग्रेस जीती
1998 – ईश्वर दास कांग्रेस      -तेज राम भाजपा                                 -कांग्रेस जीती
2003 – ईश्वर दास कांग्रेस     -तेज राम भाजपा                                 -कांग्रेस जीती
2007 : किशोरी लाल सागर भाजपा   -ईश्वर दास कांग्रेस                  -भाजपा जीती
2012 : खूब राम आनन्द कांग्रेस         -किशोरी लाल सागर भाजपा   -कांग्रेस जीती
2017 : किशोरी लाल सागर भाजपा   -परस राम कांग्रेस                   -भाजपा जीती

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