सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू
जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के बरशैणी स्थित बलीचा कंपनी के बिजली बिल घोटाले की फाइल अब फिर खुलेगी। इस बारे में कुल्लू में मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव व ऊर्जा मंत्रालय सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस मामले की फाइल उन्होंने तलब की है।
इस सवाल पर सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि बलीचा कंपनी बिल मामले की उनको पूरी जानकारी है और इसमें हुए बिजली बिल घोटाले के बारे में भी वह जानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगी औरं भ्रष्टाचारी अफसरों को कतई नहीं बख्शा जाएगा। बलीचा बिजली बिल घोटाला उनके जिला का मामला है और वह इस मामले को किसी भी सूरत में अनदेखा नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि बलीचा बिजली बिल घोटाला वर्ष 2016 में सामने आया था। जिसको लेकर बिजली बोर्ड में उस समय के एसई प्रवेश ठाकुर व धर्मशाला स्थित चीफ इंजीनियर सुरेश ठाकुर की अध्यक्षता में दो जांच कमेटियां गठित की थी।
दोनों ही जांच कमटियों ने अपनी जांच में बलीचा बिजली बिल घोटाले के लिए उस समय के एसई राजीव सूद, एक्सियन हरेंद्र ठाकुर, एसडीओ शांतिलाल तथा एक ठेकेदार सुभाष शर्मा को दोषी ठहराया था। इतना ही नहीं, दोनों ही कमटियों ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को इन सब के खिलाफ कार्रवाई करने की भी अनुशंसा की थी।
जबकि उस क्षेत्र के कनिष्ठ अभियंता को दोनों जांच कमेटियों ने यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी थी कि कनिष्ठ अभियंता की सजगता से ही बलीचा बिजली बिल घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। उनकी वजह से ही बिजली बोर्ड को 55 लाख तथा एक करोड़ 52 लाख की रिकवरी हुई है।
हालांकि इसमें से बलीचा कंपनी ने 55 लाख का ही बिल भरा था और कंपनी रातों रात यहां से भाग गई। जिसके चलते एक करोड़ 52 लाख का बिल लेने के लिए बिजली बोर्ड आज भी हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है।
लेकिन इस पूरे मामले में हैरत इस बात की है कि दो जांच कमेटियों द्वारा जिन अधिकारियों को इस घोटाले में दोषी करार दिया गया है। उनमें से केवल एक्सियन व सेवानिवृत्त हो चुके एसडीओ के खिलाफ हल्कीफुल्की कार्यवाही हुई है।
लेकिन बिजली बोर्ड प्रबंधन ने इस घोटाले का ठिकरा करोड़ों का बिल दिलाने वाले जेई के सिर फोड़ते हुए उसे डिमोट करके उसे एसएसए लगा दिया।
जबकि इस घोटाले के मुख्य किरदार उस समय के एसई राजीव सूद को बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा पूरी तरह से क्लीन चिट देकर उनको लगातार पदोन्नति देते हुए निदेशक के पद पर बिठा दिया गया है।
इसी मामले पर रविवार को मुख्य संसदीय सचिव व ऊर्जा मंत्रालय संभाले सुंदर सिंह ठाकुर ने साफ तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
कहा कि जल्दी ही इस मामले की पूरी फाइल को तलब कर इसमें बचे हुए दोषियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कहा कि कनिष्ठ अभियंता के साथ भी न्याय किया जाएगा।
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी अधिकारी को बिजली बोर्ड का एमडी किसी भी सूरत में नहीं लगाया जाएगा। कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार से कतई समझौता नहीं करेगी।
गौरतलब है कि इस घोटाले को लेकर बिजली बोर्ड प्रबंधन द्वारा पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया है। जिसकी जांच का जिम्मा कुल्लू जिला की मणिकर्ण पुलिस को सौंपा गया है। लेकिन पुलिस में मामला दर्ज करवाए हुए भी एक साल के लगभग समय हो गया है। लेकिन पुलिस जांच का नतीजा अभी तक सामने नहीं आ पाया है।