हीलिंग हिमालय एनजीओ 25 जून को चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल में चलाएगी एक दिवसीय सफाई अभियान

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सुरभि न्यूज़ 

खुशी राम ठाकुर, बरोट

चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल की आम जनता, होटल व्यवसायियों तथा दुकानादारों से अपील की जाती है कि 25 जून को रविवार के दिन  बरोट तथा मुल्थान क्षेत्र में एक दिवसीय सफाई अभियान का आयोजन किया जा रहा है।

बरोट क्षेत्र के स्थानीय निवासी तैनात वन रक्षक जोगिन्दर सिंह ने बताया कि हीलिंग हिमालय एनजीओ की अपील पर स्थानीय लोगों के सहयोग से इस अभियान का आयोजन किया जा रहा है।

इस दिन प्रदेश के अपने-अपने क्षेत्रों के पर्यावरण व प्रकृति प्रेमी स्वयं सेवक के रूप में सफाई अभियान में विशेष रूप से भाग लेकर एक साथ प्लास्टिक के विरुद्ध जंग का आगाज़ करेंगे। इसलिए सफाई अभियान में बरोट तथा मुल्थान क्षेत्रों के स्थानीय लोगों की उपस्थिति आपेक्षित है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्लास्टिक पर्यावरण में ज़हर फैला रहा है। पर्यावरण में जहर फैलाता प्लास्टिक हम सभी के शरीर में प्रवेश कर चुका है।

उन्होंने कहा कि बरोट तथा मुल्थान क्षेत्र में कूड़े के निपटान की उचित व्यवस्था न होने के कारण पूरा कचरा या तो जलाया जाता है या फिर लोगों द्वारा जाने अनजाने में नदी किनारे फेंक दिया जाता है जो कि बेहद चिंता का विषय है। यही कचरा नदी में बहकर आगे चलकर जलीय जीव जंतुओं के लिए नरक बना रहा है।

उन्होंने बताया कि बरोट व मुल्थान क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं मगर इसके साथ–साथ यह हमारा घर भी है। आज पैसे कमाने की अंधी दौड़ में बुद्धिजीवि होने के बावजूद भी हम अपने ही बच्चों का भविष्य पूरी तरह दाव पर लगा रहें हैं।

संविधान के अनुच्छेद 51 क(छ) के अनुसार पर्यावरण व उसके घटकों को बचाना व उनका संरक्षण करना हमारा मौलिक कर्तव्य बनता है। आज हम संविधानिक अधिकारों के लिए तो लड़ते हैं लेकिन कोई इस अपने ही संविधानिक कर्तव्यों के लिए न तो आगे आता है न ही इस बारे बात करना पसंद करता है।

इस अभियान का मकसद लोगों में पर्यावरण के प्रति जगाना है। बरोट क्षेत्र व छोटाभंगाल क्षेत्र की जनता विशेषकर युवा व महिलाओं से अपील है कि वे इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा संख्या मे इससे जुड़ें और एक मंच मे सभी बैठकर कूड़े के निपटान बारे विचार विमर्श कर बेहतर हल की ओर आगे बढ़ें जिससे हमारा बरोट क्षेत्र आने वाली पीढ़ी के लिए भी उतना ही खूबसूरत बना रहे जैसा कि हमारे बुजुर्गों ने हमें सौंपा है।

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