भारतीय किसान संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि इस आपातकाल में नगर, कुल्लू, भुंतर बंजार, आनी निरमंड सभी ब्लॉक समितियों के माध्यम से यह तथ्य सामने आया है कि अनेक गांव के संपर्क मार्ग ध्वस्त होने के कारण टमाटर, पल्म, नाशपाती के फसल को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
प्रदेश मंत्री एवम् जिला प्रभारी कुल्लू भारतीय किसान संघ उमेश सूद ने कहा कि अधिकांश किसानों की तैयार फसल बगीचों में ही सड़कर समाप्त हो गई। दूरस्थ क्षेत्रों के किसानों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। किसान अपना कृषि लॉन चुकाने की स्थिति में नही है। खासकर टमाटर, प्लम, नाशपाती उत्पादक किसान पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। सरकार की राहत राशि 5000/ रुपये प्रति बीघा बहुत कम है। भारतीय किसान संघ सरकार से मांग करता है कि किसानों को उन की नष्ट हुई फसल का मुआवजा बाजार भाव से उपज की मात्रा के हिसाब से दे ताकि वे अपने परिवार का साल भर का भरण पोषण कर सके। अपने कृषि लॉन चुकाने का भी प्रबंध कर सके।
उन्होंने कहा कि अनेक गांव में किसानों के फलदार पौधे बड़ी संख्या में नष्ट हो गए हैं। उनके आवास बाढ़ की भेंट चढ़ गए और कहीं कहीं तो जमीन भी नदी नालों की चपेट में बह गई है। बादल फटने की घटनाओं ने कायस, गड़सा, लग घाटी, करजा, जगतसुख, फोजल, आनी व निरमंड के दूरस्थ गांव में भारी तबाही मचाई है।
लोगों को आवास सुविधा के लिए सरकार द्वारा घोषित राशि एक लाख रुपए बहुत ही कम है। खराल घाटी के अनेक गांव भारी वर्षा के कारण धंस गए हैं। लोगों मकान गिर गए हैं अथवा धंस गए हैं। इस प्रकार बिजली महादेव के नीचे के गांव, किंजा,बनोंत्रसे लेकर जिया तक भारी भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है।
सरकार एवम प्रशासन समय रहते इन संवेदनशील दरकते गांव की सुध ले ताकि लोगों को एक और त्रासदी से पूर्व बचाया जा सके। भारतीय किसान संघ शीघ्र ही सभी ग्राम समितियों का दौरा कर के किसानों की तत्काल राहत कार्यों एवम इस जलविनाश से हुई हानि की समीक्षा कर किसानों की मदद के लिए सरकार व प्रशासन से आग्रह करेगा। यदि आवश्यक हुआ तो भारत सरकार और हिमाचल सरकार को आंदोलन द्वारा भी सचेत करेगा।