महेश कुमार शर्मा ने एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (वित्त) का पदभार किया ग्रहण

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सुरभि न्यूज़

फरीदाबाद, हरियाणा

श्री महेश कुमार शर्मा ने 17 अक्टूबर 2025 को

भारत सरकार की एक प्रमुख “नवरत्न” विद्युत कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (वित्त) का पदभार 17 अक्टूबर को महेश कुमार शर्मा ने ग्रहण किया है। एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, उन्होंने एनएचपीसी के वाणिज्यिक विभाग के वित्त प्रमुख और एनएचपीसी रिन्यूअल एनर्जी लिमिटेड (एनएचपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) के मुख्य वित्त अधिकारी के रूप में कार्य किया है। वर्तमान में वे एनएचपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनआरईएल) के बोर्ड में नामित निदेशक हैं।

वे 30 से अधिक वर्षों के योग्यता-पश्चात कार्यानुभव के साथ भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के फेलो सदस्य हैं। उन्होंने आईसीएआई से सूचना प्रणाली लेखा परीक्षा (डीआईएसए) में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है, जिसमें उन्हें अखिल भारतीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। वे 2004-07 की अवधि के दौरान आईसीएआई की उत्तरी भारत क्षेत्रीय परिषद की फरीदाबाद शाखा के कार्यकारी निकाय सदस्य चुने गए और वर्ष 2006-07 के दौरान शाखा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्हें वर्ष 2006-07 के लिए आईसीएआई की उत्तरी भारत क्षेत्रीय परिषद द्वारा उत्तरी भारत के “बेस्ट चेयरमैन अवार्ड ” का पुरस्कार प्रदान किया गया।

महेश कुमार शर्मा ने जुलाई 2000 में एनएचपीसी में लेखा अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया और एनएचपीसी में 25 वर्षों से अधिक के अपने विशिष्ट पेशेवर करियर के दौरान, उन्होंने वित्त, कॉर्पोरेट लेखा, कोषागार, वाणिज्यिक और अनुबंधों के मुख्य क्षेत्रों में व्यापक विशेषज्ञता हासिल की है। उनका व्यापक अनुभव न केवल बड़े पैमाने की अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के वित्तीय प्रबंधन को कवर करता है, बल्कि टैरिफ और विनियामक ढांचे की गहरी और व्यावहारिक समझ भी रखता है, जो जलविद्युत परियोजनाओं की योजना, विकास और संचालन में महत्वपूर्ण हैं। अपनी उत्तरदायित्व की भावना, पेशेवर नैतिकता और समर्पण से, वे संगठनात्मक स्तर पर लगातार प्रगति करते रहें।

एनएचपीसी के साथ उनका सफर कॉर्पोरेट कार्यालय, फरीदाबाद से शुरू हुआ, जहाँ वे कोषागार प्रबंधन टीम का हिस्सा थे और भारतीय शेयर बाजारों में कंपनी के सूचीबद्ध होने तक इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) कार्यान्वयन टीम के मुख्य सदस्य थे। उन्होंने क्षेत्रीय कार्यालय, बनीखेत और उसके बाद धौलीगंगा पावर स्टेशन में सेवा प्रदान की, जहाँ उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई अचानक बाढ़ के कारण धौलीगंगा पावर स्टेशन के बड़े पैमाने पर जीर्णोद्धार कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हुए, जीर्णोद्धार कार्यों का लेखा-जोखा, नई परिसंपत्तियों का पूंजीकरण, अनुबंधों का समापन, बीमा दावा निपटान आदि जैसे चुनौतीपूर्ण कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसके बाद, उन्होंने पकलदुल जलविद्युत परियोजना में वित्त प्रमुख के रूप में कार्य किया, साथ ही चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसी का एक संयुक्त उद्यम) के अंतर्गत सर्वेक्षण और जांच के अधीन दो परियोजनाओं, किरू जलविद्युत परियोजना और क्वार जलविद्युत परियोजना के वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।

पकलदुल परियोजना में, उन्होंने बांध और पावर हाउस के निर्माण के लिए प्रमुख अनुबंधों (सिविल और ईएंडएम) को संभाला, जो परियोजना में उनके कार्यकाल के दौरान प्रदान किए गए थे। उन्होने गैर-ईआरपी वातावरण में परिसंपत्तियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के भुगतान के लेखांकन के लिए उचित नियंत्रण प्रणालियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में जीएसटी अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद संविदात्मक मुद्दों को सुलझाने और पूर्व में दिए गए अनुबंधों पर जीएसटी के प्रभाव का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अपने कार्यकाल के दौरान, शर्मा ने सर्वेक्षण और जाँच चरणों से लेकर निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं और तत्पश्चात प्रचालनरत जलविद्युत स्टेशनों तक परियोजना विकास के विभिन्न चरणों के दौरान एनएचपीसी की वित्तीय रणनीतियों के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके योगदानों में प्रभावी संसाधन जुटाना, नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन, कुशल कोषागार संचालन और अनुबंधों एवं वाणिज्यिक समझौतों के निष्पादन में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करना शामिल है।

उनके विनम्र और धैर्यवान नेतृत्व गुण, समर्पण, पेशेवर दृष्टिकोण और कड़ी मेहनत ने उन्हें एक उत्कृष्ट वित्त पेशेवर के रूप में स्थापित किया है जो एनएचपीसी और विद्युत क्षेत्र के विकास के लिए लाभप्रद होगा।

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