छोटाभंगाल कोठी कोहड़ पंचायत के रूप लाल विदेशी नगदी फसलों की खेती से कमा रहे है अच्छा लाभ 

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सुरभि न्यूज़ 

ख़ुशी राम ठाकुर, बरोट

छोटाभंगाल घाटी के कोठी कोहड़ पंचायत के सब्जी उत्पादकों ने इस वर्ष अपने खेतों में पारम्पारिक सब्जियों को न उगाकर अपने खेतों में विदेशी सब्जियों को उगाया हुआ है। इस वर्ष घाटी के अन्य सब्जी उत्पादकों की तर्ज़ पर उनकी विदेशी सब्जियां भी पहले सीजन की बिक्री के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी है जिसके चलते उन्होंने पहली बार अपनी विदेशी सब्जियों को सब्जी मंडी धरमाण में बिक्री के लिए पहुँचाया है।

विदेशी सब्जियों की सबसे पहले पैदावार करने वाले कोठी कोहड़ के निवासी रूप लाल का कहना है कि उन्होंने विदेशी सब्जियों का बीज तीन वर्ष पूर्व दिल्ली से लाया हुआ है जिसके चलते वे गत तीन वर्षों से अपने खेतों में विदेश सब्जियों को उगाते आ रहे हैं।

शुरू के दो वर्ष तक उन्होंने विदेशी सब्जियों को उगाने के साथ अपनी पारम्पारिक सब्जियों को भी उगा रहे थे। पारम्पारिक सब्जियों के साथ विदेशी सब्जियों की पैदावार बहुत अच्छी हुई। रूप लाल ने गाँव के बेहतर सब्जी उत्पादक रविन्द्र कुमार, देश राज, विजय कुमार, दलीप कुमार, जगरूप सिंह, मोहिन्द्र सिंह, विनोद कुमार तथा प्रेम चंद को विदेशी सब्जियां उगाने के लिए प्रेरित किया।

इस वर्ष सब्जी उत्पादकों ने भी सब्जियों की खेती की जिसके बेहतर परिणाम सामने आए। उन्होंने पहली बार विदेशी सब्जियों को बिक्री के लिए सब्जी मंडी धरमाण में लाया जिसके उन्हें अच्छे दाम मिले हैं।  उन्होंने बताया कि विदेशी सब्जियां लिक नामक सब्जी 65 रूपये , पारसले 81 रूपये, लेपियूस 86 रूपये, ब्रोकली 85 रूपये और चाइना केबिज़ 70 रूपये प्रति किलो ग्राम के हिसाब से बिकी है।

रूप लाल सहित इन समस्त सब्जी उत्पादकों ने बताया कि पारम्पारिक सब्जियों की अपेक्षा उन्हें विदेशी सब्जियों का अच्छा दाम मिला है। उन्होंने अन्य सब्जी उत्पादकों को विदेशी सब्जियों को उगाने की सलाह दी है।

उन्होंने बताया कि विदेश सब्जियों को जहरीली किट नाशक स्प्रे जरूरत नहीं पड़ती, इन्हें बहुत कम मात्रा में स्प्रे की जरूरत पड़ती है। इनकी अच्छी पैदाइश के लिए मात्र गोबर की खाद ही अच्छा सहायक सिद्ध होती है।

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