सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू 28 नवम्बर
मुख्य संसदीय सचिव वन, पर्यटन, ऊर्जा एवं परिवहन सुंदर सिंह ठाकुर ने क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में ज़िला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र का शुभारंभ किया। जिला कुल्लू में केंद्र साँफिया फाउंडेशन एवं क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के साँझा प्रयास से चलाया जाएगा।
डीईआईसी के आरम्भ होने से दिव्यांग बच्चों को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के परिसर में सभी तरह की थेरेपी सुविधाएं मिलेगी। जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र (डीईआईसी) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एक अहम योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को हर तरह की थेरेपी सुविधाएं एवं चिकित्सा सेवाएं एक ही छत के नीचे दी जाती है।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि इस केंद्र के यहाँ स्थापित होने से दिव्यांग बच्चों को विशेष निर्देश, भाषण और भाषा चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, व्यवसायिक चिकित्सा जैसी सुविधाएं आरम्भिक स्तर पर मिलेंगी। यह केंद्र विशेष बच्चों की शीघ्र पहचान में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से वर्ष 2023 -24 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 3 हज़ार 139 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है।
जिले के चिकित्सा संस्थानों में रिक्त पड़े चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ के सभी पद भरे गए हैं। जिला के सबसे बड़े अस्पताल क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में चिकित्सकों के सभी पर पद भरे जा चुके हैं इसके अलावा अस्पताल आने वाले रोगियों को अस्पताल मे ही अल्ट्रासाउंड तथा अन्य टेस्ट सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सको के पद भरे जाने व अल्ट्रासाउंड सुविधा आरंभ होने से अब अस्पताल मे ही जटिल ऑपरेशन किये जा रहे हैं।
जिस के लिए पहले नेरचोक मेडिकल कॉलेज, आईजीएमसी शिमला या पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था परन्तु अब सभी उपचार सुविधा अस्पताल में ही उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में निःशुल्क, सस्ती व अनुदान दरों पर मिलने वाली दवाओं की दुकानों को अस्पताल के मुख्य द्वार पर स्थापित किया गया ताकि मरीजों को अस्पताल परिसर में ही सभी दवाइयां उपलब्ध हो सके।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नागराज पवार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ नरेश चंद सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।