छोटा भंगाल व चौहार घाटी में प्राकृतिक जड़ी-बूटियां की खेती करने की है अपार संभावनाएं

Listen to this article

सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

जिला कांगड़ा की छोटा भंगाल तथा जिला मंडी की चौहार घाटी में खेतीबाड़ी के साथ – साथ जड़ी बूटियों पर आधारित खेतीबाड़ी करने की अधिक सम्भावना है। दोनों क्षेत्रों की ऊंची पहाडियों में पाकृतिक तौर से उगने वाली पतीश, मुश्कवाला, कडू, रखाला, नाग छतरी अन्य कई प्रकार की जड़ी-बूटियां भारी मात्रा में पाई जाती है। दोनों क्षेत्रों के समस्त किसान अपनी उपजाऊ खेती में राजमाह, जौ, मटर, आलू व विभिन्न प्रकार की सब्जियों के साथ इन सभी जड़ी- बूटियों की खेती कर अपनी आर्थिकी दशा को और भी मजबूत कर सकते हैं।

छोटा भंगाल के जसवंत सिंह, प्यार चंद, दर्शन कुमार, मान सिंह, विद्यासागर, उत्तम चंद, रूप लाल तथा चौहार घाटी के सुन्दर सिंह, रागी राम, प्रेम सिंह, ज्ञान चंद व सुरेश कुमार का कहना है कि जड़ी – बूटियों की खेती करने में एक तो जंगली जानवर इन फसलों का नुकसान नहीं करते हैं और खेती करने पर किसानों को एच्पैहै आर्थिक लाभ भी मिलेगा।

बंदरों के आंतक के चलते किसान फसल उगाना कम कर रहे है। जिसके चलते किसानों की उपजाऊ जमीन बंजर बनती जा रही है क्योकि जो भी फसल किसान बिजते है वह बंदर नष्ट कर देते है। अगर सरकार दोनों क्षेत्र के किसानों को जड़ी – बूटी पर आधारित खेती करने की ओर प्रेरित करती है तो यहाँ के किसान अपनी बंजर पड़ी उपजाऊ जमीन में जड़ी – बूटी की खेती कर अच्छा आर्थिक लाभ कमा सकते हैं। यहां के खाली पड़े खेतों में भारी मात्रा में खेती की जा सकती है।  किसानों ने सरकार से मांग की है कि सरकार को जड़ी – बूटि की खेती करने के लिए किसानों को जागरूक करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *