सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू, 14 जून
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से 8 वीं राज्य स्तरीय मेगा मॉक अभ्यास का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्लेशियर झील बाढ़, भूस्खलन और अचानक बाढ़ जैसी आपदाओं के लिए तत्परता और प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना है। जिला कुल्लू में भी प्रत्येक उपमंडल में यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई । इस आयोजन के अंतर्गत, हिमाचल प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों (सरकारी एवं निजी) में शुक्रवार प्रातः 11 बजे “निष्कासन ड्रिल और हेड काउंट अभ्यास” आयोजित किया गया । इस अभ्यास का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों के स्टाफ को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना तथा छात्रों को आपात स्थिति के प्रति तैयार रहने और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के महत्व के बारे में जागरूक करना है । सभी सरकारी कार्यालयों में भी यह निष्कासन ड्रिल आयोजित की गई ।
इस मॉक ड्रिल के दौरान आपदा राहत अभियान को को जिला स्तर दिशा निर्देश एवं समन्वय स्थापित करने के लिए कुल्लू के ढालपुर मैदान में स्टेजिंग एरिया स्थापित किया गया जिसमें इंसिडेंट कमांड पोस्ट ,ऑपरेशन अनुभाग , प्लानिंग, लॉजिस्टिक, मेडिकल अनुभाग तथा सूचना एवं मीडिया अनुभाग स्थापित किए गए जो पूरे जिले की गतिविधियों को समन्वित कर रहे थे। इंसिडेंट कमांड पोस्ट में जिला पुलिस द्वारा वायरलेस संचार के माध्यम से भारी वर्षा से विभिन्न स्थानों में आये बाढ़ व भू स्खलन की प्रत्येक घटना की सूचनाओं की जानकारी लेकर दर्ज की जा रही थी, वहीँ पर घटना स्थल पर हुई क्षति, इत्यादि तथा रहत कार्य की स्थिति पर भी नज़र रखी जा रही थी।
उपमंडल कुल्लू में मॉक ड्रिल के परिदृश्य में प्रातः जब यह सूचना मिली कि मणिकर्ण घाटी की मानतलाई ग्लेशियर के टूटने से ,
पार्वती नदी में बाढ़ आई है, जिससे भुंतर में लगते जिया गांव में बाढ़, का खतरा हो गया। परन्तु प्रशासन ने त्वरित रूप से कार्यवाही करते हुए स्थानीय लोगों समय रहते आगाह करते हुए प्रभावित क्षेत्र के सभी घर खाली करवा दिए। फोरलेन जिया पुल के साथ ही सुरक्षित स्थान पर राहत शिविर स्थापित कर प्राथमिक उपचार की सुविधा, खाने व रहने का प्रबंध किया गया। स्थानीय आपदा मित्रों व पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से सही समय पर गांव खाली कर दिया गया, जिसमें जानमाल का कोई नुकसान नहीं। इसमें कुछ लोगों को हल्की चोटें आईं जिनको निकाल कर तेगुबेहड अस्पताल मे उपचार के लिए भर्ती किया गया। आईटीबीपी, एसएसबी, होमगार्ड आपदा मित्र, अग्निशमन, स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयासों से इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया
गत वर्ष आई बाढ़ से सबक लेते हुए उपमंडल बंजार के सैंज में भी मॉक ड्रिल का अयोजन किया गया यहां के परिदृश्य में सैंज खड्ड में बाढ़ आने के कारण सियुंड बांध से पानी छोड़ा गया। इससे पूर्व सैंज बाजार को खाली करवाया गया। उपमंडल आनी के सिविल अस्पताल में उपमंडल स्तर की मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यहां के परिदृश्य में अस्पताल में अचानक आई बाढ़ के कारण 90 लोग प्रभावित हुए। इसमें अस्पताल के 50 कर्मी, 20 मरीज और 20 तीमारदार शामिल थे। बाढ़ के कारण मची अफरा तफरी में 80 लोग सुरक्षित निकल गए लेकिन प्रशासन को 10 लोगों के फंसे होने की सूचना मिली। करीब 10.15 बजे इन लोगों को बचाने के लिए प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
उपमण्डल निरमंड में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निरमंड में भारी बारिश होने के कारण भूस्खलन हुआ है, जिसमें स्कूल की इमारत गिर गई हैं। इसके लिए भी बचाव अभियान चलाया गया तथा उपमण्डल मनाली के अंतर्गत 15 मील में बाढ़ आने के कारण पुल टुटने से दो लोग पुल में फस गए थे जिन्हें बचाव दल द्वारा बचाव किया गया।
मॉक ड्रिल के समापन पर स्टेजिंग एरिया में मॉक ड्रिल के पूरे अभियान बारे में सहायक आयुक्त शशि पाल नेगी ने सभी क्षेत्रों में चलाए गए अभियान में सभी विभागों को धन्यवाद किया । उन्होंने कहा कि इस अभ्यास के माध्यम से जिला कुल्लू की जनता में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे आपातकालीन स्थितियों में बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया कर सकेंगे। इस अवसर पर विकास शुक्ला, जिला राजस्व अधिकारी सुरभि नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नागराज, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।