स्वास्थ्य : उदर-वायु रोग (पेट में गैस बनना) होने पर घरेलू आयुर्वेद चिकित्सा अपनाकर हो रोगमुक्त

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सुरभि न्यूज़

जितेंदर सिंह, कुल्लू

उदर वायु एक आम तथा कभी न कभी हर किसी को होने वाली समस्या है। पेट गैस को अधोवायु भी बोलते हैं। यह तब होती है जब शरीर में भारी मात्रा में गैस भर जाती है। इसे पेट में रोकने से कई बीमारियां एसिडिटी, कब्ज, पेटदर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना व बेचैनी आदि हो जाती है।

पेट में गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं जिसके मुख्य कारण बैक्टीरिया का पेट में ओवरप्रोडक्शन होना, जिस आहार में बहुत ज्यादा फाइबर होता है, मिर्च-मसाला, तली-भुनी चीजें ज्यादा खाने से हो सकते है।

पाचन संबधी विकार में बींस, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल, फास्ट फूड, ब्रेड और किसी-किसी को दूध या भूख से ज्यादा खाने से। खाने के साथ कोल्ड ड्रिंक लेने से क्योंकि इसमें गैसीय तत्व होते हैं। इसके साथ बासी खाना खाने से और खराब पानी पीने से भी गैस हो जाती है।*

घरेलू उपचार में इन चीजों का सेवन करने से रोगमुक्त हुआ जा सकता है। भोजन के साथ सलाद के रूप में टमाटर का प्रतिदिन सेवन करना लाभप्रद होता है। यदि उस पर काला नमक डालकर खाया जाए तो लाभ अधिक मिलता है। पथरी के रोगी को कच्चे टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।

1/2 चम्मच सोंठ पाउडर [सौंठ] लें और उसमें एक चुटी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कप गरम पानी में डाल कर पीएं।

गैस के कारण सिर दर्द होने पर पिसी कालीमिर्च का काढा बनाकर पिएं।

सोंठ का पावडर नींबू के रस के साथ भोजन के बाद लेने से राहत मिलेगी।

पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।

भोजन के एक घंटे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सोंठ और 1 चम्मच इलायची के दानो को 1/2 चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।

वायु समस्या होने पर हरड़ के चूर्ण को जैविक गुड़ के साथ मिलाकर कर खाना चाहिए।

अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए दो से छह ग्राम, खाने के तुरंत बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।

सोंठ के छोटे टुकड़े कर उस पर नमक छिड़क कर दिन में कई बार उसका सेवन करें।
इस तरह घरेलू उपचार कर गैस परेशानी से छुटकारा मिलेगा, शरीर हलका होगा और भूख खुलकर लगेगी।

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