सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
चौहर घाटी के मंडी – मियोट रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की खटारा बसों को चलाये जाने से लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग इस रूट में जान जोखिम में डाल कर बस में सफ़र कर रहे है। गौरतलव है कि परिवहन निगम की मंडी डिपो की बस दो बजे मंडी से रवाना हो कर वाया बरोट से होते हुए रात्रि ठहराव मियोट में करती है और यह बस सुबह मियोट से अपने तय समय पर फिर से मंडी के लिए रवाना होती है।
मगर परिवहन निगम की नीले रंग की यह बस किसी तकानिकी खराबी के चलते कई बार जहाँ कहीं बीच सड़क में ही हांफ जाती है जिससे सफर करने वाले यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ जाती है। जिसका तरोताज़ा उदाहरण फिर देखने को मिला है। गत दिन यह बस सुबह अपने निर्धारित समय पर सुबह सात बजे मियोट बस ठहराव से मंडी के लिए रवाना हुई तो लगभग साढ़े तीन किलोमीटर सफर तय करने के बाद बड़ी झरवाड़ गाँव के समीप तकनीकी खराबी आ जाने के कारण पूरी तरह हांफ गई।
जिसके चलते बस पर बैठी सवारियों को बरोट तक पहुँचने के लिए निजी गाडियों के लिए अतिरिक्त किराया देना पड़ा साथ में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बड़ी झरवाड़ गाँव के निवासी व पूर्व बार्ड सदस्य भागमल ने बताया कि उसके बाद खराब हुई उस बस को एक कारीगर द्वारा देर शाम को ठीक किया गया।
बरोट – मियोट रूट पर चलने वाली मात्र एक बस पर आश्रित बड़ी झरवाड़, छोटी झरवाड़, खलैहल तथा मियोट गाँववासियों में त्रिलोक चंद, इंद्र सिंह, अनिल कुमार, गोविन्द सिंह, प्रताप चंद, नवीन कुमार, प्रेम सिंह, सुख राम तथा राजकुमार का कहना है कि इस रूट पर भेजी जाने वाली बस के
खराब होने की आम बात हो गई है। लोग इन खटारा बसों में जान जोखिम में डाल कर सफर कर रहे है।
उन्होंने परिवन निगम से मांग की है कि दुर्गम घाटी में बस भेजने से पहले ही अच्छी तरह से जाँच- परखकर कर भेजी जाए ताकि कोई अनहोनी घटना न हो तथा सफ़र करने वाली सवारियों को परेशानी का सामना करना न करना पड़े।