सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
जोगिन्दर नगर, 20 सितम्बर
सीटू से संबंधित आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन की चौंतड़ा व द्रंग प्रोजेक्ट कमेटियों के बैनर तले आज सैंकड़ों वर्कर्स व हेल्पर्स ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज जोगिंदर नगर में जोरदार प्रदर्शन किया। रामलीला मैदान से एसडीएम कार्यालय तक सीटू जिला सचिव राजेश शर्मा, सह सचिव गोपेंद्र, यूनियन की जिला सचिव सुदर्शना शर्मा, चौंतड़ा प्रोजेक्ट कमेटी की प्रधान तमन्ना, अर्चना, रानी द्रंग प्रोजेक्ट कमेटी की उपाध्यक्ष कमलेश तथा किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में विशाल जलूस निकाला तथा एसडीएम कार्यालय के प्रांगण में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। इस अवसर पर राजेश शर्मा, सुदर्शना, तमन्ना व कमलेश कुमारी ने उपस्थित वर्करों व हेल्परों को संबोधित किया।
सीटू जिला सचिव राजेश शर्मा व यूनियन की जिला सचिव सुदर्शना ने कहा कि आईसीडीएस पर जो हमला सरकार द्वारा किया जा रहा है वह सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते किया जा रहा है। सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी लाई है, जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानि कि आईसीडीएस के निजीकरण की तरफ आईसीडीएस को लेकर जाएंगे। वर्तमान समय में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने व मर्ज करने की बात कही गई है। जिसकी पॉपुलेशन कम होगी वे सेंटर बंद होंगे या फिर मर्ज होंगे। आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन बहुत समय से इन मुद्दों पर काम कर रही है और समय-समय पर पर्चों के माध्यम से बताती थी कि आँगनबाड़ी केंद्र बंद हो सकते हैं लेकिन बहुत सी वर्कर्स व हेल्पर्स का कहना था कि केंद्र बंद करना कोई आसान काम नहीं है, हमारे सेंटर कभी भी बंद नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी केंद्र पर हमला कर रही है। पहले मिनी आँगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने की कोशिश की गई। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य केंद्रों पर भी हमले होंगे। सरकार का ये अलग-अलग समय में हमला करना आँगनबाड़ी की यूनिटी को तोड़ने की भी कोशिश है, सरकार चाहती है कि एक-एक करके इनको तोड़ा जाये ताकि एक दूसरे की लड़ाई में कोई शामिल न हो, लेकिन आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू भली भांति सरकार की मंशा को समझती है। इसलिए सभी वर्कर्स व हेल्पर्स को अपनी एकता को बनाये रखना है।
इस अवसर पर चौंतड़ा प्रोजेक्ट कमेटी की प्रधान तमन्ना व द्रंग कमेटी की उपध्यक्ष कमलेश ने मांग रखी कि मिनी केंद्रों की वर्कर्स को बकाया मानदेय तथा सेंटर का रूम रेंट शीघ्र दिया जाए। सभी वर्कर्स व हेल्पर्स को हरियाणा व केरल की तरह 14000 रू. व 7500 रुपए मानदेय दिया जाए। किसी भी सेंटर को बंद न किया जाए, सभी वर्कर्स व हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, मानदेय की जगह वेतन दिया जाए, पेंशन व ग्रेच्युटी भी दी जाए।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता कुशाल भारद्वाज ने कहा कि महात्मा गांधी के जन्मदिवस, अर्थात 2 अक्टूबर, 1975 को प्रारंभ की गई एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास के लिए विश्व के सबसे बड़े और सबसे अनूठे कार्यक्रमों में से एक है तथा यह बच्चों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का सबसे प्रमुख प्रतीक है। जिसका उद्देश्य कुपोषण, स्वास्थ्य और 0-6 वर्षों के बच्चों, गर्भवती और नर्सिंग माताओं की विकास आवश्यकताओं को संबोधित करना है। केंद्र की मोदी सरकार इस योजना को ही बंद करना चाहती है या फिर इसे वेदांता जैसी प्राइवेट कंपनियों को ठेके पर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह योजना मुख्य रूप से शिशु और बाल मृत्यु दर को कम करने और मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाने पर केंद्रित है और जिस तरह देश में दूसरी कल्याणकारी योजनाओं को बंद किया जा रहा है वही मंशा केंद्र सरकार की आईसीडीएस के बारे में भी है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी केंद्र सरकार की हां में हां मिलाते हुए मिनी केंद्रों को बंद करने या फिर मर्ज करने जा रही है। 8 महीने से मिनी वर्कर्स को मानदेय नहीं मिला है और न ही रूम रेंट मिला है। केंद्र सरकार ने इसे बंद कर दिया है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि आईसीडीएस के अंतर्गत “आंगनवाड़ी केंद्रों” के माध्यम से लाभार्थियों को 06 विशिष्ट सेवाएं प्रदान की जाती हैं: – (1) पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, (2) स्वास्थ्य जांच, (3) रेफरल सेवाएं, (4) टीकाकरण, (5) पूरक पोषण आहार, (6) प्राथमिक बाल देखभाल और शिक्षा। 0-6 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएँ और स्तनपान कराने वाली माताएँ इस योजना के लाभार्थियों में शामिल हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या ये लक्ष्य हासिल हो चुके हैं जो अब सरकार आईसीडीएस को ही बंद करने पर उतारू है। इसलिए न केवल आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स तथा उनके परिजनों को रोजगार बचाने के लड़ाई को लड़ना है, बल्कि सभी लाभार्थियों को भी इस योजना की रक्षा के लिए एकजुट होना पड़ेगा