सुरभि न्यूज़
त्रिपाठी कौर मुसाफिर, बिलासपुर
कल्याण कला मंच बिलासपुर समूचे क्षेत्र के युवा वर्ग अधिकांश नशे के जाल में फंस कर कीमती जीवन बर्बाद करने की घटनाओं में हो रही वृद्धि से चिंतित व दुखी है।
कला मंच द्वारा युवाओं को नशे की गर्त से बाहर लाने के लिए अपने दम पर गंभीर, सार्थक और सफल प्रयास किए जा रहे हैं। गत दिनों मंच की नियमित मासिक संगोष्ठी में सुनहानी के शीतला माता मंदिर परिसर में क्षेत्र के सैकड़ों बुद्धि जीवियों, महिला मंडल सदस्याओं और बच्चों के अभिभावकों के सम्मुख मंच के प्रधान व वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र मिन्हास कहलूरी ने उपस्थित जन समूह विशेषकर मातृ शक्ति को सचेत किया कि पांच से बीस वर्ष तक के बच्चों और किशोरों की दैनिक गति विधियों पर पैनी नजर रखें क्योंकि इसी आयु में बच्चों के बिगड़ने या बिगाड़ने की सबसे ज्यादा संभावनाएँ होती है।
सुरेन्द्र मिन्हास कहलूरी ने आगे कहा कि बच्चों को अपने रीति रिवाज, कहलूरी बोली, अपनी संस्कृति, पुरानी और शून्य व्यय वाली खेलों को अपनाने के लिए प्रेरित करें। आज युवा वर्ग के दिशा भ्रमित होने का मुख्य कारण पाश्चात्य संस्कृति, खान पान, पहनावा, एकल परिवार और स्वच्छंदता है जिसके कारण समाज में अपराधों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। यदि हम संयुक्त परिवारों में रहते हैं तो भी बच्चों में नैतिकता, आदर भाव, सत्कार, देश प्रेम, दया और अपने अच्छे बुरे का ज्ञान स्वतः ही आत्मसात हो जाता है।
मिन्हास ने आगे कहा कि बच्चों को खेलों की तरफ विशेषकर पुरानी खेलों मसलन कोरड़ा, पिट्ठू, कंचे, छू छड़की , लुका छिपी, चौआ, इत्यादि खेलने के लिए प्रेरित करें। इन खेलों में जहां खर्च लगभग जीरो होता है वहीं बच्चों को ये खेलें मोबाइल से भी दूर करती हैं। खेलों से बच्चों में सहभागिता और सहयोग भावना का विकास होगा वहीं ये भारत का भविष्य कहे जाने वाला युवा वर्ग नशे से भी स्वयं दूर रहेगा। कल्याण कला मंच सुनहानी क्षेत्र के छह समाज सेवियों को प्रमाण पत्र, पुष्पहार, बैजेस, माता की दिव्य चुनरी भेंट कर सम्मानित किया।