सुरभि न्यूज़
सुरेन्द्र मिन्हास, चांदपुर
कल्याण कला मंच बिलासपुर की संगोष्ठी काले बाबा की तप स्थली काले बाबा कुटिया दनोह में संपन्न हुई। संगोष्ठी में विशेष आमंत्रित साहित्यकार रत्न चंद निर्झर उपस्थित थे जबकि अध्यक्ष का दायित्व प्रधान सुरेन्द्र सिंह मिन्हास ने बखूबी निभाया। मंच का कुशल संचालन सुशील पुंडीर ने किया। सर्वप्रथम घुमारवीं से आए लश्करी राम ने काले बाबा का गुणगान यूं किया भला ओ बाबा कालेया तेरा मंदिर ओ हनुमान टीले, रौडा के राम पाल डोगरा ने काले बाबा के जीवन पर प्रकाश डाला। बडा़ दा घाट के बृज लाल लखनपाल ने मनुख चोला नहीं मिलना, हरि चरणों चित लाना भजनों से समां बांध दिया।
इंजीनियर सुमन चड्ढा ने मैं औरत हूं मैं कभी टूट नहीं सकती रचना सुना कर सोचने पर मजबूर किया। रौडा के जीत राम सुमन ने मेरा लगदा नीं जीयु तथा श्याम सुंदर सहगल ने आए आए श्री राम लछमन सीत, मंड लोहु की भजन सुना कर झूमने पर मजबूर किया। राजिंद्रा शर्मा ने मिलती नहीं है परछाई अपनी व घुमारवीं से आए मानव विज्ञानी अनेक राम संख्यान ने मेरे श्याम बसे मेरे नैनन में, भजन सुनाकर सम्मोहित कर दिया। बीपीएस स्कूल के संस्थापक चंद्र शेखर पंत ने सुर सुर तुलसी शशि सुनाया जबकि शिव नाथ सहगल ने दया करो मां दया करो सुना कर समा बांधा। गायत्री शर्मा ने सरस्वती विद्या देवी कविता सुनाई जबकि रविंद्र नाथ भट्टा ने सावन का चित्रण अपनी कविता में पेश किया।
डियारा के सुख राम आजाद ने जाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर गजल सुनाई। सुशील पुंडीर परिंदा ने काले बाबा तुम कहलाते हो जबकि अमर नाथ धीमान ने हाथों में हाथ लेकर तेरा रचना सुनाई। सुरेन्द्र मिन्हास कहलूरी ने कहा जे चजा रा नी मिलो गुरु ता से सने जिंडेयां मुकाई दिन्दा सुनाकर सन्देश दिया जबकि नरेंद्र दत्त शर्मा ने अभी ना जाओ छोड़ कर ये दिल अभी नहीं भरा गीत सुनाकर भावविभोर किया। अंत में विशेष आमंत्रित साहित्यकार रत्न चंद निर्झर ने खुशवंत सिंह के जीवन के साहित्यिक पहलू पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यक्रम की उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की। अमरनाथ धीमान द्वारा आए हुए सभी गुणिजन विद्वानों का पधारने पर शुक्रिया किया।