सुरभि न्यूज़
नई दिल्ली/केलंग
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के जाहलमा गांव से ताल्लुक रखने वाले युवा एडवोकेट विक्टर ढिस्सा ने प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज को गौरवान्वित किया है।
उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने उन्हें ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय समन्वयक (National Coordinator) नियुक्त किया है। यह नियुक्ति कांग्रेस अध्यक्ष की स्वीकृति के बाद तत्काल प्रभाव से की गई है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल द्वारा जारी सूची में पूरे देश के राष्ट्रीय समन्वयकों में विक्टर ढिस्सा का नाम भी शामिल है, जो हिमाचल के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई व दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत विक्टर ढिस्सा ने अपनी लॉ की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस से पूर्ण की। शिक्षा के दौरान ही वे छात्रों, वंचित वर्गों और आदिवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने बार काउंसिल ऑफ़ दिल्ली में पंजीकरण कराया और दिल्ली में वकालत शुरू की।
उनकी कानूनी समझ, संवेदनशीलता और जमीनी मुद्दों से जुड़ाव के कारण वे जल्द ही लोगों के बीच एक मजबूत सामाजिक आवाज़ बनकर सामने आए।
लाहुल-स्पीति के जाहलमा गांव के निवासी विक्टर ढिस्सा बीते कई वर्षों से आदिवासी, दलित और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के लिए निरंतर काम करते रहे हैं।
सरकारी योजनाओं में आ रही दिक्कतें, विस्थापन, वन अधिकार और संरक्षण से जुड़े कानूनी पहलू युवाओं के लिए शिक्षा और करियर मार्गदर्शन महिलाओं और बच्चों के अधिकार आदि तमाम विषयों पर वे सक्रिय रूप से पैरवी करते रहे हैं। दिल्ली और हिमाचल दोनों जगहों पर वे जरूरतमंदों को मुफ्त कानूनी सलाह देते रहे हैं, जिसकी कई सामाजिक संगठनों ने भी सराहना की है।
राष्ट्रीय मंच पर बड़ी भूमिका निभाने के चलते अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने के बाद विक्टर ढिस्सा अब आदिवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्धारण, संवाद और संगठनात्मक मजबूती तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनका काम राज्यों के बीच समन्वय बनाना, जमीनी समस्याओं की जानकारी केंद्र तक पहुँचाना और विभिन्न राज्यों में आदिवासी नेतृत्व को आगे बढ़ाना होगा।
विक्टर ढीस्सा के नेशनल कोऑर्डिनेटर बनने पर लाहुल-स्पीति में खुशी की लहर है। लाहुल घाटी से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति और संगठनात्मक ढांचे में इतनी बड़ी जिम्मेदारी पाना यहां के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विक्टर ढिस्सा की यह नियुक्ति लाहुल-स्पीति के आदिवासी समाज और युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।





