हिमाचली लोक संस्कृति को नई पहचान देने के लिए लोक गायक इंदर जीत को दिल्ली में किया सम्मानित

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सुरभि न्यूज़

नई दिल्ली/कुल्लू

दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात लोक गायक इंदर जीत को समाज के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान एवं जन-जागरूकता से जुड़े कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

लोक गायक इंदर जीत लंबे समय से अपने गीतों के माध्यम से नशा-विरोध, नारी-सम्मान, सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देते आ रहे हैं। उनके रचित लोकगीतों ने युवाओं में जागरूकता बढ़ाने तथा समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इंदर जीत द्वारा हिमाचली कला एवं परंपरा के संरक्षण और प्रसार में भी उल्लेखनीय योगदान दिया गया है। उन्होंने हिमाचली टोपी, कुल्लवी पट्ट, धाडू और पारंपरिक परिधानों को लोकप्रिय बनाकर स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प को नई पहचान दिलाई है।

 

इसके साथ ही मोनाल पक्षी संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए उन्होंने परंपरागत कलगी के स्थान पर कृत्रिम कलगी के उपयोग को प्रोत्साहित किया, जो पर्यावरण संरक्षण का एक सराहनीय प्रयास है।

इंदरजीत ने अपने कार्यक्रमों और प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल के अनदेखे सांस्कृतिक क्षेत्रों और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रदर्शित कर इको-पर्यटन को बढ़ावा देने में भी योगदान दिया है। वहीं, सरकारी अभियानों- विशेषकर नशा मुक्ति कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय सांस्कृतिक भागीदारी लगातार जन-जागरूकता का आधार बनी हुई है।

समाजहित और संस्कृति संरक्षण के इन महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने उन्हें दिल्ली आमंत्रित कर सम्मानित किया।

मंत्री रामदास अठावले ने इंदर जीत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि, “ऐसे कलाकार समाज की आत्मा होते हैं, जो अपने गीतों के माध्यम से लोगों की सोच और दिशा बदलने की क्षमता रखते हैं।”

यह सम्मान इंदर जीत के सांस्कृतिक योगदान के साथ-साथ हिमाचल की परंपराओं, लोककला और सामाजिक जिम्मेदारी को राष्ट्रीय पटल पर और अधिक मजबूती से स्थापित करता है।

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