कुल्लू में स्कूल के बच्चों ने जामुन का पेड़, यमलोक में पार्टी व ईदगाह नाटकों का किया सफल मंचन

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

कुल्लू

ऐक्टिव मोनाल कल्चरल ऐसोसिएशन कुल्लू द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू व ज़िला सांस्कृतिक परिषद् कुल्लू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कला केन्द्र कुल्लू में आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय ‘बाल नाट्योत्सव’ के दूसरे दिन रेवत राम विक्की और मीनाक्षी द्वारा निर्देशित  तीन लघु नाटकों का खूबसूरत मंचन हुआ। पहला नाटक राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक पाठशाला भुन्तर के विद्यार्थियों द्वारा कृष्ण चन्दर की प्रशिद्ध कहानी पर आधारित जामुन का पेड़ प्रस्तुत किया। कहानी हमारे तन्त्र की संवेदनहीनता को दर्शाता है जिसमें सचिवालय के लाॅन में
एक आदमी पेड़ के नीचे दब कर मर जाता है लेकिन उसे वक्त पर नहीं हटाते सिर्फ उसे हटाने के लिए केवल फाईल ही दफतर दर दफतर घूमती रहती है जब अन्त में उस पेड़ को काटकर उस आदमी को निकालने का आदेश आता है तो तब तक पेड़ के नीचे दबा वह आदमी अपनी जान गवा चुका होता है। नाटक में नितिन, रूपेश, हंसराज, अब्बास, वांशुल, आयुष, दक्ष, हिमांशु, प्रताप ठाकुर व सुभाश आदि बच्चों ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन जित लिया।

दूसरा नाटक मीनाक्षी के निर्देशन में यमलोक में पार्टी प्रस्तुत किया गया। राजकीय माध्यमिक पाठशाला गाधीनगर द्वारा प्रस्तुत यह नाटक हास्य व्यंग्य से भरपूर था। जिसमें यमलोक में आयोजित पार्टी में जब धरती लोक का खाना परोसा जाता है तो सभी देव दानव उल्टी और दस्त से पीड़ित हो जाते हैं। केवल भोले नाथ ही उस मिलावटी खाने को पचा पाते हैं उन्हें कुछ नहीं होता। नारद जी द्वारा जब जांच की जाती है तो पता चलता है धरती लोक में हर चीज़ में मिलावट हो रही है। इस नाटक में गौरव, आशीश, हिमानी, मानसी, बबली, सन्नी, कृष्ण, परि, डिम्पल, अमृता, तनुजा, पूनम, नंदिनी, प्रिया, नीलम भारती, रोनू, साक्षी, दृष्टि, चिराग, ईशा, सेजल, किरण और अंशु बच्चों ने दर्शकों को गुदगुदाया। तीसरा नाटक रेवत राम विक्की के निर्देशन में भुन्तर स्कूल के ही छात्रों द्वारा मुंशि प्रेम चन्द की कहानी पर आधारित ईदगाह प्रस्तुत किया गया। इसमें गरीब व अनाथ हामिद की भावनाओं तथा सूझ-बूझ को दिखाया गया जब वह ईदगाह के मेले में जाता है तो वहां से अपने थोड़े से पैसों के अपने लिए खिलौने लेने के बजाए अपनी दादी के लिए चिमटा खरीद लाता है ताकि चल्हे में रोटियां सेंकते वक्त उसकी उंगलियां न जल जाएं। दादी और पोते का दृश्य देखकर दर्शकों की आंखें डबडबाई। नाटक में आयुष, पायल, सिमरन, नितिन, तन्वी, रूकमणी, हंसराज, देशराज, अब्बास, रूपेश, वंशिका, अंजना, रिंकू, दीक्षा, जानवी, सरला, मीनाक्षी, अंजना, काजल, ममता, किरण, सुभाष, राधिका, वांशुल, तनीशा नेगी, प्रेरणा, दिव्या, रूबल नेगी और तन्वी ठाकुर बच्चों ने अपने अभिनय के जौहर दिखाए।

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