साहित्य साधना स्थली, मधुबनी की मासिक साहित्यिक काव्य गोष्ठी का किया आयोजन

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो 

मधुबनी

साहित्य साधना स्थली, मधुबनी की मासिक साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन दि: 15. 8. 2023 को जिला केन्द्रीय पुस्तकालय, तिलक चौक मधुबनी के सभागार में अधिवक्ता रचनाकार ऋषि देव सिंह की अध्यक्षता, सचिव दयाशंकर मिथिलांचली के कुशल संचालन एवं साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र झा की समीक्षा में आयोजित हुई। गोष्ठी का आगाज  कवयित्री मालती मिश्रा की रचना फाँसी पर चढ़ गया वीर हम खून के आँसू रोये थे वीर भगत सिंह को समर्पित रचना से किया। साहित्यकार उदय जायसवाल बंगलों, दफ्तरो, ऊँची इमारतों पर ही नहीं, मिट्टी के ढहते घरौंदोंनुमा भीतों पर भी झंडा लहरायें आजादी को सार्थक करती रचना ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया। पूर्व बैंक पदाधिकारी सुखदेव राउत साओनक शुरुआत रौदी सुखाड़, अंतिम समय बरसलै मेघ भरि पोख मौसम के बदलते मिजाज पर रचना सराही गई। जबकि संस्था के सचिव दयाशंकर मिथिलांचली तेरे भी पूर्वज हैं हम ही एक आराध्य ब्रह्म समरसता को बयां करती रचना प्रस्तुत की। साहित्यकार कवि गोपाल झा अभिषेक ने  जो तरंगित कर दे मन मेरा उस मनस्वी को शत-शत नमन जबकि  डॉ० विजय शंकर पासवान हम भारत भू के दीवाने हैं सरहद पर सीना ताने हैं राष्ट्रभक्ति रचना सुना कर वीरो को याद किया। हास्य सम्राट डॉ. बंशीधर मिश्र की व्यंग्य रचना हमरा कोनो वियाह करबाक छल खूब तालियां बटोरी जबकि रेवती रमण झा देस पर अप्पन राज छै, अप्पन झंडा, अप्पन कानून देस अपन आजाद छै राष्ट्र को समर्पित कविता प्रस्तुत की। कथाकार चण्डेश्वर खाँ की लघुकथा स्वतंत्रता दिवस की तैयारी रोचक कथा गागर में सागर प्रशंसनीय रही। संस्था के अध्यक्ष, पूर्व प्राचार्य प्रो० शुभ कुमार वर्णवाल की प्रेषित रचना सीमा सरहद डटे खड़े वो भारत वीर जवान है, यह प्यारा हिन्दुस्तान है राष्ट्रीय कविता देश के वीर जवानों को समर्पित करते हुए सराहनीय प्रस्तुतु रही। ऋषिदेव सिंह हम एक, भारत एक, विधान एक, इसमें भलाई देशभक्ति रचना स्वतंत्रता दिवस की सार्थकता को महत्वपूर्ण बना दिया। उनहा अपने अध्यक्षी उद्बोधन में कहा कि साहित्यिक साधना स्थली की मासिक साहित्यिक गोष्ठी जो आज स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को समर्पित है। हम साहित्यकारों का उत्तरदायित्व है कि राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होकर प्रगतिशील रहें। हमने बहुत कुछ खोकर इस आजादी को पाया है। साहित्य का काम है समाज को जोड़ना और जागरूक बनाये रखना। राष्ट्र सुरक्षित लोग सुरक्षित। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के उपाध्यक्ष कवि गोपाल झा अभिषेक द्वारा दी गई।

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