सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली
नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) दवारा भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार, एनएएससी कॉम्प्लेक्स, आईसीएआर, पूसा, नई दिल्ली में 23.10.2023 को एक दिवसीय “सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी” आयोजित होने जा रही है, जिसमें निर्यात बाजारों से जुड़ने के लिए सहकारी समितियों को मार्गदर्शन करने, भारतीय कृषि-निर्यात की संभावनाओं और अन्य विषयों के मद्देनजर सहकारी समितियों के लिए अवसर सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) दवारा आयोजित इस कार्यक्रम मे “हिमाचल प्रदेश” से चार किसान उत्पादक संगठन (FPOs)/ सहकारी संस्थाओं से आठ सदस्य को आमंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, शिमला दवारा पांच किसान उत्पादक संगठन (FPOs)/ सहकारी संस्थाओं से कुल 10 सदस्यों की प्रतिभागिता को सुनिश्चित किया गया है।
उल्लेखनीय है की इसमें से दो प्रतिभागी लेह लदाख क्षेत्र की सहकारी संस्था की ओर से इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेंगे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह संगोष्ठी की शोभा बढ़ाएंगे और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ सभा को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर माननीय मंत्री अमित शाह एनसीईएल का लोगो, वेबसाइट और विवरणिका भी लॉन्च करेंगे। सहकारिता मंत्रालय के एक वक्तव्य के अनुसार, वह एनसीईएल सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र वितरित करेंगे और एनसीईएल को चार्टर भी प्रदान करेंगे।
श्री अमित शाह जी के द्वारा सहकारी क्षेत्र द्वारा निर्यात के लिए एक अंब्रेला संगठन के रूप में कार्य करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति की स्थापना की आवश्यकता पर जोर देने के पश्चात एनसीईएल अस्तित्व में आया। सहकारिता मंत्री के कुशल मार्गदर्शन में, सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए पिछले 27 महीनों में 54 पहल की हैं।
सहकारी समितियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समिति की स्थापना 54 पहलों में से एक है जो सरकार के “सहकार से समृद्धि” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एनसीईएल 25 जनवरी, 2023 को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत सहकारी क्षेत्र के निर्यात के लिए नव स्थापित अंब्रेला संगठन है। यह बड़ी संख्या में सहकारी समितियों का नामांकन करके कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं को भी सम्मिलित करता है तथा इसने अपने राजस्व को लगभग 2,160 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से 2025 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
प्राथमिक से शीर्ष स्तर तक की सभी सहकारी समितियाँ, जो निर्यात में रुचि रखती हैं, एनसीईएल की सदस्य बनने के लिए पात्र हैं, जिसकी अधिकृत शेयर पूंजी 2,000 करोड़ रुपये है। वक्तव्य में कहा गया कि इसका उद्देश्य देश की भौगोलिक सीमाओं से परे व्यापक बाजारों तक पहुंच बनाकर भारतीय सहकारी क्षेत्र में उपलब्ध अधिशेष के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना है।
संगोष्ठी सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर सहकारिता मंत्रालय के अधिकारियों के एक प्रेजेंटेशन के साथ शुरू होगी।
संगोष्ठी के दूसरे भाग में कई विषयों पर तकनीकी सत्र शामिल होंगे, जिनमें निर्यात बाजारों से जोड़ने के लिए सहकारी समितियों को चैनलाइज़ करना, भारतीय कृषि निर्यात की क्षमता तथा सहकारी समितियों के लिए अवसर, भारत को दुनिया की डेयरी हब बनाना तथा सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शामिल है।
चार प्रमुख सहकारी समितियाँ, अर्थात्- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ – अमूल), भारतीय किसान उर्वरक सहकारी (इफको), कृषक भारती सहकारी (कृभको), भारत का राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), एक सांविधिक निगम भारत सरकार ने संयुक्त रूप से एनसीईएल को बढ़ावा दिया है।
वक्तव्य के अनुसार, एनसीईएल निर्यात-संबंधित मामलों पर परामर्श सेवाएं भी प्रदान करेगा, सहकारी निर्यात पर ज्ञान भंडार के रूप में कार्य करेगा और सहकारी उत्पादों/सेवाओं के लिए बेहतर कीमतें प्राप्त करेगा।
सहकारी निर्यात पर इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 1000 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे जिनमें एनसीईएल के सहकारी सदस्य, राष्ट्रीय सहकारी संघों सहित विभिन्न सहकारी क्षेत्र के प्रतिनिधि, विभिन्न देश के दूतावासों के प्रतिनिधि और केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल होंगे। बड़ी संख्या में सहकारी हितधारकों भी ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जायेगा।









