सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू, 18 नवंबर
कुल्लू जिला में पहली महिला आईएएस अधिकारी एम. सुधा शर्मा के उपायुक्त कुल्लू का पदभार संभालने का गौरव प्राप्त है। कुल्लू जिला जब से बना है सभी उपायुक्त अधिकारी पुरुष वर्ग से ही रहे जबकि मार्च 2008 में उपायुक्त जिला कि पहली महिला अधिकारी के रूप में पदभार संभाला जो महिला अधिकारी के लिए गौरव कि बात है।
जिला कुल्लू में उपायुक्त का पहला पदभार उपायुक्त गुरदर्शन सिंह ने 19 अगस्त 1963 को संभाला था जबकि आईएएस अधिकारी उपायुक्त एम. सुधा शर्मा ने 19 मार्च 2008 को कुल्लू की पहली महिला उपायुक्त के रूप में पदभार सम्भाल कर कुल्लू के एतिहासिक पन्नो में अपना नाम दर्ज किया है। उपायुक्त एम. सुधा शर्मा नेे कुल्लू जिला के 27वें उपायुक्त पद पर कार्यभार संभाला था। इससे पहले कुल्लू जिला के 26 उपायुक्त पुरूष वर्ग से अधिकारी रहे।
आईएएस एम सुधा देवी शर्मा
आईएएस अधिकारी उपायुक्त एम. सुधा शर्मा का जन्म सन् 1975 में तामिलनाडू राज्य के तिंगचड़ गोडू गांव में हुआ। एम.सुधा शर्मा ने 2004 से काँगड़ा जिला का सहायक आयुक्त का पद बतौर ट्रेनिंग से संभाला। 2005 सहायक आयुक्त नुरपुर, इसके अलावा एसडीएम काँगड़ा तथा एडीसी मण्डी के पद पर नियुक्त के बाद किनौर में उपायुक्त का पदभार संभाला। उसके बाद 2008 मे कुल्लू जिला की पहली महिला अधिकारी बतौर उपायुक्त तैनात हुई। जिला कुल्लू में सराहनीय सेवाएं देने के बाद 31 जून 2009 को कुल्लू से स्थानातर होकर आईएएस एम सुधा शर्मा सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अलावा स्वास्थ्य विभाग शिमला में अपनी सेवाएं दे रही है।
आईएएस अधिकारी डॉ. श्रृचा वर्मा
जिला कुल्लू की दुसरी महिला आईएएस अधिकारी उपायुक्त श्रृचा वर्मा ने 03 जून 2019 को पदभार संभाला।
डॉ. ऋचा वर्मा का जन्म 10 सितंबर 1986 को हरियाणा के यमुनानगर में हुआ। उनके पिता नरेंद्र कुमार वर्मा सरकारी सेवा में रहे और मां किरण देवी गृहिणी हैं। शुरुआती पढ़ाई अबांला के पीकेआर जैन पब्लिक स्कूल और बारहवीं चमनलाल डीएवी पब्लिक स्कूल,पंचकुला से हुई। यूपीएससी की परीक्षा में 2012 बैच में उन्हें आईएएस बनने में कामयाबी मिली। इनके पति नीरज कुमार आईएफएस अधिकारी हैं।
डॉ. ऋचा की पहली पोस्टिंग सोल़न में सहायक आयुक्त के पद पर हुई। वे ऊना में सहायक आयुक्त रहने के बाद बीडीओ के पद पर भी रहीं हैं। वे डलहौजी और नाहन की उपमंडलीय अधिकारी रही हैं, जहाँ उन्होंने राजस्व और भूमि संबंधी कई सुधार किये। डॉ. ऋ़चा वर्मा एडिशनल डीसी कांगड़ा में भी रही हैं।
अप्रैल 2018 में डॉ ऋचा वर्मा को हमीरपुर जिले का उपायुक्त बनाया गया। जिला हमीरपुर में अपनी अहम जिम्मेवारी निभाते हुए विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई आवार्डों से सम्मानित किया गया तथा हमीरपुर को देश का अव्वल जिला बनाने में अहम भूमिका निभाई। नशीले पदार्थ के सेवन और तस्करी को भी खत्म करने के लिए उन्होंने सकारात्मक कोशिश की, जिसमें डॉ ऋचा काफी कामयाबी भी रही।
डॉक्टर ऋचा वर्मा हमीरपुर से स्थानांतर होकर कुल्लू जिले में बतौर उपायुक्त आई। 03जून 2019 में पद भार संभालने के साथ ही उन्होंने कुल्लू जिले में कचरा प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, पर्यटन, बाल विकास जैसे क्षेत्रों में कार्यों को बखूबी बढ़ावा दिया। उन्होंने कुल्लू-मनाली में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई जरूरी और प्रभावी योजनाओं को सही तरीके से क्रियान्वित किया। संवेदना नाम से महिलाओं के हाइजीन के लिए प्रोग्राम शुरू किया है। डॉ. ऋचा ने समाजिक सहभागिता से बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए आंगनवाड़ी गोद लेने का कार्यक्रम को सफलता से आगे बढाया। इस प्रोग्राम की सफलता को देखते हुए स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट में कुल्लू जिले को शॉर्टलिस्ट किया गया। कोरोना संकट में कुल्लू जिला में सराहनीय कार्य किए।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में कुल्लू की जिलाधिकारी डॉ ऋचा वर्मा उद्देश्यपूर्ण श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।










