सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल दोनों क्षेत्र हमेशा विकास को तरसते आ रहे है। जिन भी विधायकों ने इन दोनों क्षेत्रों से चुनाव लड़ा है उन्होंने वोटों की राजनीति हि खेली है, अपने झूठे अश्वशनों से बोट बटोरे और इन दोनों क्षेत्रों को रामभरोसे छोड़ते गए।दोनों क्षेत्रों के केंद्र स्थल बरोट में आई टी आई प्रशिक्षण केन्द्र का खोले जाने की मांग कई सालों से चली आ रही है परन्तु आज तक 14 पंचायत के पढ़ने वाले बच्चों को आई टी आई का प्रशिक्षण लेने में भारी परेशानी का सामना करना पैड रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश की पूर्व भाजपा जयराम सरकार द्वारा चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल के शिक्षित बेरोज़गारों की बेहतर सुविधा के लिए आईटीआई खोलने की कैबिनेट से स्वीकृति भी मिल गई थी मगर प्रदेश में सता बदलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईटीआई प्रशिक्षण केन्द्र के खोलने से पहले ही इसे डी नॉटीफाइड कर दिया। जिस कारण दोनों क्षेत्र के अभिभावकों का प्रदेश की वर्तमान सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश की पूर्व सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने समस्त लोगों की मांग पर छह दिसम्बर 2021 को एक विशेष कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए बरोट या मुल्थान में आई टी आई पशिक्षण केन्द्र खोलने की घोषणा की थी। जिसके चलते चौहार घाटी की खलैहल पंचायत के अंतर्गत लोदर नामक स्थान पर बड़ी झरवाड़ गांव निवासी तथा ठंडी गोलाई नामक स्थान पर बरोट गांव के निवासी अपनी उपजाऊ भूमि आई टी आई प्रशिक्षण केन्द्र निर्माण के लिए दान देने को मंजूर हो गए थे। जिस पर स्थानीय प्रशासन द्वारा भूमि चयनित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी।
मगर वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में सता परिवर्तन होने से प्रदेश के वर्तमान मुख्यमन्त्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस गंभीर समस्या को सुलझाने के वजाय इस प्रशिक्षण केन्द्र को डी नॉटीफाइड कर दोनों क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय किया है।
क्षेत्र के निवासी सुभाष चंद, राजकुमार, होशियार सिंह, रवि कुमार, पवन कुमार, ओम प्रकाश, दिनेश कुमार, चेत राम, शांता कुमार, मोनिका, माधवी, नैना, रिया तथा कोमल का कहना है कि यहां के लोग गत कई वर्षों से आई टी आई प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की मांग को उठाते आ रहे है। उनका कहना है कि अगर इस क्षेत्र में आईटीआई प्रशिक्षण केन्द्र खुल गया होता तो दोनों क्षेत्रों के आई टी आई में प्रवेश लेने वाले बच्चों को घर द्वार में ही सुविधा मिल जाती। मगर अब उन्हें मात्र निराशा ही हाथ लगी है।
उनका कहना है कि यहाँ के बच्चों को आई टी आई का प्रशिक्षण लेने के लिए 40 से 60 किलो मीटर दूर पद्धर, जोगिन्द्र नगर या फिर बैजनाथ जाना पड़ रहा है जिस कारण बच्चें प्रशिक्षण लेने से वंचित रह राह रहे है और प्रशिक्षण ले रहे है उन्हें भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार जहां बेरोज़गारों को रोज़गार देने का राग अलापती आ रही है वहीँ दूसरी ओर स्वीकृत हुए विकास कार्यों को बंद करवा रही है। ऐसे में इस क्षेत्र में प्रशिक्षण केन्द्र को सरकार द्वारा डी नोटिफाइड करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है।
चौहार घाटी तथा छोटाभंगाल क्षेत्र के समस्त शिक्षित युवाओं ने सरकार से मांग की है इस समस्या को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में बरोट या मुल्थान में आईटीआई का प्रशिक्षण केन्द्र का खोला जाए।