हिमाचल प्रदेश में 15 साल पुरानी सरकारी गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन रद्द, छह वाहन स्क्रैप केंद्र खोलेगा विभाग

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सुरभि न्यूज़ ब्युरो

शिमला

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में अब 15 साल पूरी कर चुकी सरकारी गाडिय़ों का दोबारा पंजीकरण नहीं हो पाएगा। राज्य सरकार ने ऐसी गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है। इन गाडिय़ों के लिए प्रदेश भर में छह स्क्रैप केंद्र भी खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने स्क्रैपिंग स्टेशन लगाने वालों से आवेदन मांगे है। उन्होंने बताया कि पहली अक्तूबर से सभी वाहनों की पासिंग ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर पर ही होगी। एमवीआई का रोल खत्म हो जाएगा।

ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर स्थापित करने के लिए भी आवेदन मांगे गए है। 31 मार्च तक पूरी तरह से ई-चालान व्यवस्था लागू होगी। पॉस मशीनों से जुर्माने का भुगतान होगा। परिवहन विभाग के 12 बैरियर 30 जून तक इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ेंगे। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि परिवहन विभाग का राजस्व लगातार बढ़ रहा है, जिस समय उन्होंने परिवहन विभाग की कमान संभाली थी तो राजस्व 500 करोड़ रुपए था। इसे बढ़ाकर अब 800 करोड़ रुपए कर दिया है।

मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में 22 लाख 43 हजार 524 गाडिय़ां है। इनमें 19 लाख 25 हजार 593 गाडिय़ां निजी तौर पर चल रही है, जबकि प्रदेश में व्यवसायिक वाहनों की संख्या 31 लाख 79 हजार 711 है। हिमाचल में 2811 इलेक्ट्रिक गाडिय़ां है, जिनमें निजी 2412 और व्यवसायिक 399 है। प्रदेश में सरकार ई टैक्सी की व्यवस्था की जा रही है। इसमें 500 गाडिय़ां 50 प्रतिशत अनुदान पर दी जाएंगी। अभी तक 521 आवेदन आए है। ई वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे है। 17 पेट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए है।

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