सुरभि न्यूज़ ब्युरो
बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के नालागढ़ में चल रहे नर्सिंग इंस्टीच्यूट में अध्ययनरत अनुसूचित जाति की दो छात्राओं के साथ जातिगत भेदभाव, मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न तथा आत्महत्या के लिए उकसाने के बाद पुलिस विभाग द्वारा कोई उचित कार्यवाही न होने को लेकर पूरे प्रदेश में अनुसूजित जाति, जनजाति, ओबीसी, मानवाधिकार संगठन, समाजिक संगठन व अन्य संस्थाएं लामबंद हो गई हैं।
बिलासपुर में भी इसी जातिगत भेदभाव को लेक्ट धरना प्रदर्शन किया गया। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग संयुक्त संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष एवं सेवानिवृत डीएसपी सीता राम कौंडल की अगवाई में सैंकड़ों लोगों ने बिलासपुर में प्रदर्शन किया तथा एसी टू डीसी के माध्यम से राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू तथा केंद्रीय एससी एसटी आयोग दिल्ली को ज्ञापन प्रेषित किया।
इससे पूर्व डियारा सेक्टर में स्थित महर्षि वाल्मिकि मंदिर परिसर से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली गई। जिसमें न्याय को लेकर जोरदार नारेबाजी की गई। इस अवसर मोर्चा के जिला महामंत्री नँद लाल आचार्य ने कहा कि आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद लोगों की मानसिकता में किसी प्रकार का सुधार नहीं आया है।
आज भी मनुवादी ताकतें दबंगई अपनाते हुए एससी, एसटी, ओबीसी, मायनौरिटी के लोगों को दबाने के लिए प्रयासरत हैं।
नर्सिंग इंस्टीच्यूट में दो सगी बहनों के साथ हुए इस प्रकार के अमानवीय व्यवहार से साबित हो गया है कि आज भी समाज का पढ़ा लिखा होने का दावा करने वाला वर्ग घटिया मानसिक संकीर्णता से नहीं उबर पाया है। संविधान के पैरोकार नियमों की अनद उन्होंने मांग की है कि इस प्रकार के कुत्सित मानसिकता वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही कर न्याय दिलाया जाए।