सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
बिलासपुर, 17 मार्च
हिमाचल गौरव पुरस्कार व अन्य अनेक पुरस्कारों से सम्मानित सोलन जनपद के अन्दरोली गाँव निवासी प्रसिद्ध लेखक नेम चंद ठाकुर साहित्य क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू व पहाड़ी भाषाओं के जानकार लेखक की गुलदस्ता (कविता संग्रह ), हिमाचल प्रदेश का इतिहास, कला, संस्कृति, एवं प्रशासन, भारत का इतिहास (सह-लेखन), भटकु (कहानी संग्रह), हिमालयी इतिहास और संस्कृति के पुरोधा: ओ. सी. हाण्डा, सोलन जनपद : ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिदृश्य आदि कृतियाँ पहले ही पाठकों द्वारा काफी सराही जा चुकी है।
उनके संपादन में अभी हाल ही में साहित्य संस्थान गाजियाबाद से प्रकाशित 75 पार कहानी संग्रह पाठकों की बहुत पसन्द आ रहा है। इस कहानी संग्रह में अपने जीवन के 75 या इससे अधिक वसन्त देख चुके हिमाचल प्रदेश के पन्द्रह प्रसिद्ध कहानीकारों की प्रतिनिधि सदृश कहानी को शामिल किया गया है। इस संकलन में श्रीनिवास जोशी, जयदेव विद्रोही, सुशील कुमार फुल्ल, आशा शैली, बद्री सिंह भाटिया, सुदर्शन प्रियदर्शिनी, योगेश्वर शर्मा, रमेश चन्द्र शर्मा, डॉ. पीयूष गुलेरी, डॉ. गौतम शर्मा ‘ व्यथित, कृष्ण कुमार नूतन, नरबीर लाम्बा, डॉ. सत्यपाल शर्मा, साधु राम’ दर्शक’, गंगा राम राजी जैसे पुरोधा हस्ताक्षरों की कहानियाँ सम्मिलित की गई है। इस कहानी संग्रह में एक आवाज़ की प्रतीक्षारत, आत्महत्या, दण्डकीला, फिज़ीकल अनफिट, साँझ की प्रतीक्षा में, आर न पार, बसांव, भावनाओं की चकाचौंध, महाफ्रॉड, दर्द सृजन का, नये गांधी की तलाश में, सास भी कभी बहू थी, माता के भक्त, प्रदूषण, दशरथ मरेगा तो राम राज्य आएगा जैसी प्रसिद्ध कहानियाँ ली गई हैं।
सोलन ( हि.प्र) निवासी वरिष्ठ साहित्यकर, व्यंग्यकार अशोक गौतम के अनुसार उपरोक्त कहानियों के बीच से गुजरना यहाँ के जन-जीवन से गुजरने के समान है। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर निवासी समीक्षक रवि कुमार के अनुसार इतनी अच्छी कहानियों को पाठकों को उपलब्ध कराने के लिए संकलन में शामिल सभी लेखक, संपादक व प्रकाशक बधाई के पात्र हैं।











