सुरभि न्यूज़
ख़ुशी राम ठाकुर, 24 मई
छोटाभंगाल के सभी प्राईमरी पाठशालाओं में कार्यरत सभी अध्यापकों की हाल ही में होने वाले लोक सभा चुनाव के चलते चुनावी ड्यूटी लगा दी गई है। जिसके चलते अध्यापकों की 24 मई को रिहसल होने के बाद 28 मई से लेकर 2 जून तक चुनावी ड्यूटी लगने से क्षेत्र के सभी पाठशालाएं बिना अध्यापकों चलेगी। छोटाभंगाल क्षेत्र की सभी पाठशालाएं सात–आठ वर्षों से मात्र एक–एक अध्यापक के सहारे चली हुई है, जिसमें प्राईमरी स्कूल बड़ा ग्रां, नलहौता, कोठी कोहड़, धरमाण, सरमाण, शंगरेहड़, उहलधार, लोआई , लोहारडी, स्वाड़ तथा छेरना शामिल है| इन पाठशालाओं में राजकीय प्राईमरी स्कूल सरला, मुल्थान तथा लोहारडी में प्री प्राईमरी कक्षाएं चलने के कारण बच्चे नर्सरी तथा यूकेजी की पढ़ाई पढ़ते हैं।
क्षेत्र के विभिन्न पाठशालाओं के स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्षों में मंगत राम, पूजा देवी, सलोचना देवी, अंजना देवी, अनिता कुमारी, मनोज कुमार तथा सूरज चंद सहित बच्चों के अविभावकों का कहना है कि इन स्कूलों में कार्यरत अध्यापको की चुनावी ड्यूटी के चलते इतने दिनों तक ये सभी स्कूल तथा स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले सभी बच्चे मात्र वहां पर तैनात रसोइयों के सहारे ही रहेंगे। जिस कारण बच्चों की पढ़ाई में गहरा असर पड़ेगा। उनका कहना है कि बच्चों की शिक्षा तथा सुरक्षा की चिंता न तो शिक्षा विभाग को है और न ही स्थानीय प्रशासन को है। हालांकि इन स्कूलों के अध्यापकों की चुनावी ड्यूटी लगने के बारे में प्रशासन तथा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को चुनावों के लिए पहली रिहसल के दौरान ही अवगत करवा दिया था। मगर उसके बावजूद भी इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढाई के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा। क्षेत्रवासियों के लिए इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जानकारी के अनुसार हर स्कूलों में कम से कम एक अध्यापक का होना बेहद जरूरी है। अभिभावकों का कहना है कि पहली चुनावी रिहसल के दौरान भी ये सभी स्कूल बिना अध्यापक के चले थे। उन्होंने अब मजबूर होकर विभाग तथा प्रशासन से आग्रह किया है कि अध्यापकों की ड्यूटी तो लग ही गई है मगर प्रशासन और शिक्षा विभाग को चाहिए कि वे बच्चों की पढाई व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिना अध्यापक के स्कूलों में चुनावी ड्यूटी के दौरन अवकाश घोषित किया जाए।