कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की मंडी जिला कमेटी ने पार्टी महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर ब्यक्त किया गहरा दुख

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सुरभि न्यूज़ ब्यूरो

मंडी, 13 सितम्बर

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की मंडी जिला कमेटी पार्टी ने पार्टी के महासचिव कॉमरेड सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 12 सितंबर 2024 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में फेफड़ों के गंभीर संक्रमण से जूझने के बाद उनका निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे।

सीपीआई(एम) के राज्य सचिवालय सदस्य एवं जिला कमेटी के सचिव कुशाल भारद्वाज ने पार्टी की जिला कमेटी ने मीडिया को बताया कि कॉमरेड सीताराम येचुरी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के शीर्ष नेता, वामपंथी आंदोलन के एक उत्कृष्ट नेता और एक प्रसिद्ध मार्क्सवादी विचारक थे। वे भारत की वामपंथी राजनीति का एक प्रमुख चेहरा थे। सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त, 1952 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता एसएस येचुरी आंध्र प्रदेश परिवहन विभाग में इंजीनियर थे। मां कलपक्‍म येचुरी सरकारी कर्मचारी थीं।

कॉमरेड सीताराम का पालन-पोषण हैदराबाद में हुआ। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली छात्र थे। हैदराबाद के ऑल सैंट हाईस्‍कूल से शुरुआती पढ़ाई पूरी की। इसके बाद साल 1969 में आगे की पढ़ाई के लिए दिल्‍ली आ गए।यहां प्रेसिडेंट स्‍कूल नई दिल्‍ली में दाखिला लिया। सीताराम ने 12वीं की सीबीएसई परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया था। फिर दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में टॉप रैंकिंग के साथ स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) अर्थशास्त्र से स्नातकोतर की। अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही डिग्री में प्रथम श्रेणी हासिल की थी। फिर जेएनयू में ही पीएचडी में दाखिला लिया, लेकिन 1975 में आपातकाल में जेल जाने के कारण पीएचडी पूरी नहीं कर सके।

वह 1974 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र आंदोलन में शामिल हुए और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के नेता बन गए। दो साल के अंतराल में उन्हें तीन बार जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया। वह 1984 से 1986 तक स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अखिल भारतीय अध्यक्ष रहे और छात्र संगठन को अखिल भारतीय ताकत के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीताराम येचुरी 1975 में सीपीआई(एम) में शामिल हुए। आपातकाल के दौरान उन्हें उनकी राजनीतिक गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था। 1985 में 12वीं कांग्रेस में उन्हें पार्टी की केंद्रीय समिति के लिए चुना गया और वे अब तक केंद्रीय समिति में बने हुए हैं। 1989 में उन्हें केंद्रीय सचिवालय और 1992 में पार्टी की 14वीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो के लिए चुना गया।

2015 में 21वीं कांग्रेस में उन्हें सीपीआई(एम) का महासचिव चुना गया, जिस पद पर वे अब तक बने हुए हैं। तीन दशकों से अधिक समय तक पार्टी केंद्र में नेतृत्व टीम के हिस्से के रूप में, उन्होंने समय-समय पर पार्टी की राजनीतिक स्थिति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विचारधारा के क्षेत्र में कॉमरेड सीताराम ने एक विशिष्ट भूमिका निभाई।

कॉमरेड सीताराम येचुरी ने केंद्रीय समिति के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रमुख के रूप में कम्युनिस्ट और प्रगतिशील ताकतों के विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों में भाग लिया और समाजवादी देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया तथा साम्राज्यवाद-विरोधी आंदोलनों के साथ एकजुटता कायम की।

सीताराम येचुरी दो दशकों से ज़्यादा समय तक पार्टी के साप्ताहिक अख़बार पीपुल्स डेमोक्रेसी के संपादक रहे। वे एक विपुल लेखक भी थे। वैचारिक क्षेत्र में उनका दूसरा मुख्य योगदान हिंदुत्व की आलोचना थी, जो उनकी किताबों ‘यह हिंदू राष्ट्र क्या है’ और ‘साम्प्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता’ में प्रकाशित हुई थी।

सीताराम येचुरी 2005 से 2017 तक दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वे सीपीआई(एम) समूह के नेता थे और एक प्रभावी सांसद थे। उन्हें 2017 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया था।

हाल के दिनों में सीताराम येचुरी ने अपना बहुत सारा समय और ऊर्जा धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों की व्यापक एकता बनाने में लगाई, जिसने इंडिया ब्लॉक का रूप ले लिया। संयुक्त मोर्चा सरकार और बाद में यूपीए सरकार दोनों के दौर में सीताराम सीपीआई(एम) के प्रमुख मध्यस्थों में से एक थे, जो इन गठबंधनों का समर्थन कर रहे थे। उनके मिलनसार स्वभाव के कारण, राजनीतिक क्षेत्र और जीवन के सभी क्षेत्रों में उनके मित्रों की एक विस्तृत मंडली थी। उनकी राजनीतिक ईमानदारी और प्रतिबद्धता के कारण सभी उनका सम्मान करते थे।

जिला कमेटी की तरफ से बयान जारी करते हुए कुशाल भारद्वाज ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय राजनीति के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर सीताराम येचुरी का असामयिक निधन सीपीआई(एम) के लिए एक बड़ा झटका है और वामपंथी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए एक गंभीर क्षति है।

पार्टी की मंडी जिला कमेटी कॉमरेड सीताराम को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करती है तथा उनकी स्मृति में पार्टी कार्यालयों 7 दिन तक पर लाल झंडा आधा झुका रहेगा। सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान है कि वे एकजुट होकर शोषण मुक्त समाज के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करें। यही कॉमरेड सीताराम येचुरी को दी जाने वाली सबसे बेहतर श्रद्धांजलि है।
सीपीआईएम की मंडी जिला कमेटी उनकी पत्नी सीमा, उनकी बेटी अखिला, बेटे दानिश, भाई शंकर और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है।

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