हिमाचल प्रदेश के आईपीएस दंपत्ति अजय किशन और वर्षा शर्मा गोवा की संभालेंगे कानून व्यवस्था 

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सुरभि न्यूज़ ब्युरो

शिमला, 24 अक्तूबर

हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले आईपीएस दंपत्ति अजय किशन शर्मा और वर्षा शर्मा ने गोवा में दो महत्वपूर्ण DIG पदों का कार्यभार संभाल लिया है। यह पहली बार है जब गोवा में दो DIG पदों की जिम्मेदारी एक ही राज्य से आने वाले दंपत्ति को सौंपी गई है। 21 अक्टूबर को आईपीएस अजय किशन शर्मा और आईपीएस वर्षा शर्मा ने गोवा में अपने-अपने पदों पर कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले यह दंपत्ति अंडमान और निकोबार में पुलिस प्रशासन का नेतृत्व कर रहा था।

 

 

गोवा पुलिस के इतिहास में शायद पहली बार हुआ होगा जब एक ही तारीख पर आईपीएस पति -पत्नी ने एक साथ ही डीआईजी ( DIG) पदभार संभाला हो। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र (international tourist map) पर अंकित गोवा में DIG के दो पद, हेडक्वार्टर और रेंज क्राइम से जुड़े हैं। यह दोनों ही पद हिमाचल प्रदेश के दंपत्ति को सौंपे गए हैं, जो प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। 2008 बैच के आईपीएस अजय किशन शर्मा ने 10 अगस्त 1997 को आईपीएस वर्षा शर्मा से परिणय सूत्र में बंधे थे। वर्षा शर्मा पहले से ही भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन एजीएमयूटी  (Arunachal Pradesh-Goa-Mizoram and Union Territory) कैडर में कार्यरत थीं।

सिरमौर में एसपी के रूप में सेवा के दौरान नवंबर 2020 में अजय किशन शर्मा ने इंटर कैडर ट्रांसफर ले ली थी। इसके बाद दिल्ली में सेवा देने के उपरांत वे अंडमान और निकोबार चले गए। बता दे कि  एजीएमयूटी (AGMUT) विशेष  कैडर है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत संचालित होता है। मंत्रालय ही इस कैडर के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को नियंत्रित करता है।

 

 

आईपीएस वर्षा शर्मा मूलतः उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं। हिमाचल प्रदेश के इस दंपत्ति की गोवा पुलिस में उच्च पदों पर नियुक्ति ने राज्य का मान बढ़ाया है। गोवा में डीआईजी (DIG) के दो पद हैं इसके एक हेडक्वार्टर का और दूसरा रेंज क्राइम से संबंधित है। इन दो पदों के ऊपर आईजी और डीजीपी(DGP) के दो शीर्ष पद होते हैं।

MBM न्यूज नेटवर्क से बातचीत में आईपीएस अजय किशन शर्मा ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से नई जिम्मेदारी मिलने पर खुशी है। उन्होंने कहा, “मैं एक हिमाचली हूं, और इस बात पर गर्व महसूस करता हूं।” उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले कई आईपीएस अधिकारी देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी बेहतरीन कार्यशैली से पहचान बना रहे हैं।

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IPS अजय कृष्ण शर्मा को खुफिया नेटवर्क में 17 साल का तजुर्बा है। मूलतः हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के नादौन क्षेत्र के धनेटा गांव के रहने वाले आईपीएस अजय कृष्ण बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। निजी क्षेत्र में कार्य कर पिता ने उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान की। 1990 से 1995 तक वन विभाग में रेंजर के पद पर तैनात रहे। विलक्षण प्रतिभा के दम पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री में एमएससी तक शिक्षा हासिल की है। एक बेटे व एक बेटी के पिता आईपीएस अजय कृष्ण शर्मा हमेशा ही लीक से हटकर करने की कोशिश करते है, जिसमे उनकी अर्धांगिनी भी कंधे से कंधा मिलकर खड़ी रहती है।

1990 में फॉरेस्ट रेंजर बन गए थे। 1995-96 में पहले ही प्रयास में हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा (HPPS) की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। 2001 में ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में डेपुटेशन पर चले गए। सात साल बाद 2008 में आईपीएस अधिकारी के तौर पर इंडक्शन हो गया। इंटेलिजेंस ब्यूरो में 17 साल सेवाएं देने के बाद जून 2018 में वापस हिमाचल लौटे। इसके बाद नियुक्ति छठी आईआरबी बटालियन में बतौर कमांडेंट हुई। यहां चंद महीनों में  “पुलिस की निशुल्क पाठशाला” को लेकर चर्चा में आ गए। 26 जनवरी 2019 को सिरमौर में पुलिस अधीक्षक कार्यभार संभाला। उल्लेखनीय है कि सामाजिक सरोकार में अग्रणी भूमिका निभाने पर अजय कृष्ण शर्मा को 6 दिसंबर 2018 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन द्वारा सम्मानित भी किया गया था।

वो बताते है कि दसवीं की पढ़ाई तक गांव से 10 किलोमीटर दूर नहीं गए थे। 11वीं में जब दाखिला लेना था तो पहली बार कांगड़ा गए थे। यही बात उन्हें हमेशा कचोटती रही कि जाने कितने ऐसे बच्चे होंगे, जो अपने गांव से बाहर नहीं निकले होंगे, लिहाजा राज्य में लौटते ही पुलिस की निशुल्क पाठशाला (कोचिंग) को धौलाकुआं में शुरू कर दिया। महज चंद महीने कमांडेंट के पद पर तैनात रहने के दौरान केंद्रीय एजेंसी से साढ़े 7 लाख रुपए की राशि स्कूल के लिए उपलब्ध करवाने में सफल हुए थे,ताकि स्मार्ट कक्षाएं बन सकें।

 

 

बता दें कि हाल ही में हिमाचल के कुल्लू से जुड़े आईपीएस नलिन प्रभात को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) में चीफ के पद पर नियुक्त किया गया है। आईपीएस रूपिन शर्मा और आईपीएस मनु जी महाराज सहित कई अन्य नाम भी हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले बेहतरीन आईपीएस अधिकारियों की सूची में शामिल हैं। आईपीएस रूपिन शर्मा को देश के सबसे युवा डीजीपी बनने का गौरव भी प्राप्त है। हिमाचल से जुड़ी इस सफलता ने प्रदेश का मान बढ़ाया है और यह एक प्रमाण है कि यहां के अधिकारी देश के किसी भी कोने में अपनी उत्कृष्टता का परिचय देने में सक्षम हैं।

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