सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
वन संम्पदा को बचाने के लिए लोगौं में जागरुकता फैलाना जरुरी है क्योंकि कुछ शरारती तत्व वनों को आग लगाकर वन संम्पदा को स्वाह कर रहे हैं। आग से एक तो जंगलों के जंगल जलकर स्वाह हो जाते हैं वहीं जंगलों में विचरण करने वाले जीव – जंन्तु जल कर भस्म हो जाते है। जंगलों का जितना बचाव हो सके यह सब धरती पर विचरण करने वाले सभी प्राणीयों के लिए हितकर है। इसलिए लोगों में वन संम्पदा की रक्षा के लिए जागरुकता फैलाना अति अनिवार्य बन गया है।
चौहार घाटी की खलैहल पंचायत के निवासी व वन प्रेमी इंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि छोटाभंगाल तथा चौहार घाटी में बेहद बड़े – बड़े जंगल विराजमान इन घाटियों को चार चाँद लगा रहे है जिनमें खरशु, रई, तोष, देवदार, वान तथा बुरासं के अधिक मात्रा में पाए जाते है। इसके साथ ही जंगलों में कई प्रकार की औषधीय जडी – बूटियों से भरपूर मात्रा में पाए जाते है।
वन प्रेमी ठाकुर ने कहा कि हमें जंगलों से बारह माह ईंधन की लकडी इस्तेमाल करने के लिए मिलती है वहीं इमारती लकडी भी नए घर बनवाने व मुरम्मत करने के लिए जंगलों से ही मिलती है। यही नहीं दोनों घाटियों में जहां सघन घने चौडी़ पत्ती वाले जंगलों से ही नदी-नालों में पानी निरंतर बहता आ रहा है। वहीं दोनों घाटियों में पाई जाने वाली अमुल्य जडी़ – बुटियां औषधीय गुणों से लवालव है। वनों से हमें अनेकों हजारों फायदे हैं।
वनों को आग से बचाना तथा वनों की देखभाल करना भी सभी लोगों का परम कर्तव्य बनता है। जंगलों को बढ़ाने के लिए इनका संरक्षण करना बेहद आवश्यक है। इंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि बेशक वन विभाग तो समय – समय पर वनों के बचाव के लिए जागरुकता शिविर लगाता आ रहा है लेकिन पंचायत स्तर पर भी समय – समय पर हर वार्ड में वनों के बचाव के लिए जागरुकता शिविरों को लगाया जाना भी बेहद आवश्यक हो गया है।