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सुरभि न्यूज़
छविन्द्र शर्मा, आनी
प्रदेश सरकार और वन विभाग द्वारा किसानों की जा रही बेदखली के खिलाफ आनी में प्रदर्शन की तैयारी को लेकर हिमाचल किसान सभा व हिमाचल सेब उत्पादक संघ ने शनिवार को पंचायत समिति सभागार आनी में संयुक्त अधिवेशन बुलाया। जिसमें माकपा के पूर्व विधायक राकेश सिंघा माकपा नेता डॉ ओंकार शाद किसान सभा अध्यक्ष प्रताप ठाकुर सचिव गीता राम व पदम प्रभाकर सहित अन्य कई किसान नेता मौजूद रहे।
इस मौके पर माकपा के पूर्व विधायक कामरेड नेता राकेश सिंघा ने कहा कि प्रदेश सरकार व वन विभाग कानूनी प्रक्रिया पूरी किये बिना ही किसानों की बेदखली कर रहे हैं, जिससे प्रभावितों के अन्दर डर का मौहल पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार में बंटवारे के चलते प्रदेश में ग़रीब किसानों के पास इतनी जमीन नहीं है कि वो अपना गुजारा कर सकें।
प्रदेश के करीब दस लाख किसान परिवारों के पास 10 पॉइंट 7 फीसदी जमीन ही कृषि योग्य भूमि हैं और 87 फीसदी किसान लघु व सीमांत है। ऐसे में किसान व बागबानों की मांग है कि वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन कर ग़रीब लघु व सीमांत किसानों को कम से कम पांच बीघा भूमि दी जाए और सरकार के मालिकाना हक वाली जमीन का आवंटन गरीब किसानों को भू राजस्व अधिनियम 1954 के व 2000 में शामिल की गई धारा 163 ए के तहत किया जाए।
वहीं माकपा नेता डॉ ओंकार शाद किसान सभा आनी के अध्यक्ष प्रताप ठाकुर सचिव गीता राम व पदम प्रभाकर ने कहा कि सरकार व वन विभाग के द्वारा की जा रही बेदखली कानूनी प्रक्रिया के तहत नहीं हो रही है और यह सरासर गरीबों को बेघर करने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसान सभा अधिवेशन में वन संरक्षण अधिनियम 1980 एफसीए में संशोधन की मांग को लेकर संघर्ष की रणनीति तैयार की गई।
इस अधिवेशन में हिमाचल सेब उत्पादक संघ आनी के सचिव हेम राज, दलीप, मुकेश, राजेन्द्र, विजय, ओमी,केहर सिंह, भवानी सिंह, रमेश, प्रेम, टिकम, हरविंदर तथा भगीर चन्द सहित अन्य कई किसान नेता मौजूद रहे।