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सुरभि न्यूज़
छविन्द्र शर्मा, आनी
आनी के हिमालयन मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों को शिक्षा की आधुनिक पद्धति के बारे में प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से स्कूल सभागार में पांच दिवसीय शिक्षक कार्यशाला का शनिवार को समापन हो गया।
इस पाँच दिवसीय शिक्षक कार्यशाला का शुभारंभ स्कूल के प्रधानाचार्य देवेन्द्र ठाकुर द्वारा एक प्रेरणादायक कहानी सुनाकर किया गया। कार्यशाला में प्रधानाचार्य देवेन्द्र ठाकुर के अलावा स्रोत व्यक्ति के रूप में शिक्षाविद पविन्दर चौहान, विशेषज्ञा श्रुति दत्ता तथा शिक्षाविद विकास ठाकुर ने विद्यालय के सभी उर्जावान शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा पद्धति के बारे में व्यवहारिक रूप से प्रशिक्षित किया।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर दत्ता ने आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच, 21 वीं सदी के नवाचार शिक्षण कौशल, अनुभवात्मक अधिगम (सीखना), खुशहाल कक्षा का निर्माण करना, गतिविधि आधारित शिक्षण के अलावा भिन्न-भिन्न तरह की गतिविधियां करवाई गई। उन्होंने यह भी सिखाया कि कैसे गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में नेतृत्व के गुणों का विकास किया जा सकता है। उनमें छिपी प्रतिभाओं को कैसे बाहर निकाला जा सकता है और कैसे कक्षा में खुशनुमा माहौल बनाया जा सकता है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से छात्रों की जटिल समस्याओं को हल किया जा सकता है। व्यावहारिक अनुभवों के माध्यम से सीखने का अवसर प्रदान किया जा सकता है जिससे कि बच्चे गहराई से समझते और सीखते हैं, जबकि शिक्षाविद पविंदर चौहान ने छात्रों के संपूर्ण विकास के बारे में चर्चा की।
उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, यांत्रिकी विज्ञान, संगठन का विश्लेषण, ताकत, कमजोरियां, अवसर व खतरा, संलग्न, सबको शामिल करना, खोज, स्पष्टीकरण, विस्तार तथा मूल्यांकन जैसे बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यशाला में शिक्षकों को विभिन्न गतिविधियां भी करवाईं और गणित, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी विषय के मुश्किल बिंदुओं पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि हमें छात्रों के लिए अच्छे वातावरण का निर्माण करना चाहिए ताकि वे अच्छी बातें सीख सकें। इसी प्रकार स्रोत व्यक्ति विकास ठाकुर ने कार्यशाला में बताया कि एनईपी के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में किस तरह सुधार किया जा सकता है। शिक्षा की पहुंच में वृद्धि कैसे हो। शिक्षा में टेक्नोलोजी का प्रयोग हो। परिश्रम अध्ययन विश्लेषण के माध्यम से बच्चों की ताकत, कमजोरियां के बारे में जानना, कैसे हर छात्रों की अलग- अलग विशेषताओं और क्षमताओं को ध्यान में रखकर उनका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास करना है आदि के बारे में शिक्षकों को अवगत कराया।
वहीं कार्यशाला में स्रोत व्यक्ति शिक्षाविद् शांति स्वरूप भारती ने शिक्षकों को बच्चों में गणित और विज्ञान का डर, गणित और विज्ञान के मुश्किल बिंदु, पारस्परिक सम्बन्ध आदि के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने विज्ञान के कुछ मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। जिसमें, दाब, पदार्थ, वातावरणीय दाब, तत्व, परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या आदि विषय प्रमुखजिला कुल्लू के आनी स्थित एचएमएस जमा दो स्कूल के गुरुजनों ने सीखे आधुनिक शिक्षा पद्धति के गुर थे। प्रधानाचार्य देवेंद्र ठाकुर ने इस पांच दिवसीय कार्याशाला के विशेषज्ञ स्रोत व्यक्ति शिक्षाविद पविन्दर चौहान, विशेषज्ञा श्रुति दत्ता, शिक्षाविद विकास ठाकुर तथा शांति स्वरूप भारती को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यशाला के दौरान प्रधानाचार्य देवेन्द्र ठाकुर द्वारा शिक्षकों से बहुत सी गतिविधियां करवाई गई। उन्होंने बताया कि गतिविधि के माध्यम से हम बच्चों को बहुत कुछ सीखा सकते हैं। उनका संचार कौशल, नेतृत्व कौशल, सुनने का कौशल, निर्णय लेने का कौशल आदि में विकास कर सकते हैं।
पारस्परिक संबंध के माध्यम से कैसे भावात्मक रूप से जुड़कर हम विकास कर सकते हैं। उन्होंने अंतर्वैयक्तिक संबंध के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय, परिवार या संस्था की उन्नति के लिए सब लोगों का आपस में संबंध बहुत अच्छा होना चाहिए। इसके साथ कुछ अध्यापकों द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों को अलग अलग विषयों के बारे में जानकारी दी।