उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण जान-माल का नुकसान होने से पीड़ितों और उनके परिवारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी सड़क दुर्घटनाएँ, जहाँ किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाने या उसकी मृत्यु का कारण बनने वाले वाहन की पहचान या पता नहीं लगाया जा सकता है, उन्हें ‘हिट एंड रन मोटर वाहन दुर्घटनाएँ ‘ कहा जाता है। चूंकि दुर्घटना करने वाले वाहन का विवरण ज्ञात नहीं है, इसलिए घायल पीड़ित या मृतक का कानूनी उत्तराधिकारी मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के माध्यम से मुआवजे का दावा नहीं कर सकता है।
हिट एंड रन मोटर दुर्घटना योजना-2022 ऐसे पीड़ितों और उनके परिवारों की सहायता के लिए है। उपायुक्त की अध्यक्षता में जिले में हिट एंड रन केस से संबंधित कमेटी गठित है। उल्लेखनीय है कि उक्त कमेटी में उपायुक्त के अलावा बीमा कंपनी के सदस्य व अन्य अधिकारी शामिल हैं।
उपायुक्त ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि यदि उनके किसी परिजन का हिट एंड रन केस में दुर्घटना ग्रस्त अथवा मृत्यु हो गई है, तो वह संबंधित तहसील में तहसीलदार या उप जिलाधिकारी के साथ-साथ एआरटीओ ऑफिस में संपर्क करके योजना का लाभ ले सकते हैं।
बैठक में सहायक आयुक्त शशि पाल नेगी, आरटीओ राजेश भंडारी, डीएसपी राजेश कुमार, सभी उपमंडलाधिकारी वीसी के माध्यम से उपस्थित रहे।