उपायुक्त लाहौल-स्पीति किरण भड़ाना ने तांदी संगम व लाहौल-हाट इको-टूरिज्म परियोजना का किया संयुक्त निरीक्षण

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सुरभि न्यूज़, केलांग : .उपायुक्त लाहौल-स्पीति किरण भड़ाना (भा.प्र.से) ने आज इको-टूरिज्म परियोजना लाहौल-हाट, दालंग का संयुक्त निरीक्षण विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों सहित किया। इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी आकांक्षा शर्मा, डीसीएफ लाहौल अनिकेत वानवे, लोक निर्माण विभाग एवं बीएसएनएल के अधिशासी अभियंता उपस्थित रहे।
बीएसएनएल के अधिशासी अभियंता द्वारा अवगत कराया गया कि यह परियोजना निर्माणाधीन है और अब तक ₹2.5 करोड़ की राशि व्यय की जा चुकी है। उपायुक्त ने कार्यकारी एजेंसी को निर्देशित किया गया कि कार्य में तेजी लाई जाए तथा परियोजना के पहले चरण को आगामी तीन माह में पूर्ण किया जाए। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त किरण भड़ाना ने जोर देते हुए कहा कि यह परियोजना स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और पारिस्थितिक संतुलन के अनुरूप क्रियान्वित होनी चाहिए। विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं प्रवेश द्वार पर पारंपरिक शैली में गेट का निर्माण, सम्पूर्ण स्थल का विकास एवं हरियालीकरण, सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्तूप का निर्माण, स्थल तक पहुँच मार्ग का निर्माण, बच्चों के लिए पार्क की स्थापना, स्थानीय कला, चित्रकला और सांस्कृतिक चित्रों को सम्मिलित करना है।
उन्होंने कहा कि लाहौल-हाट, दालंग में विकसित की जा रही यह इको-टूरिज्म परियोजना सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बाद में लाहौल-स्पीति की उपायुक्त किरण भड़ाना ने तांदी संगम का आधिकारिक दौरा किया, जो क्षेत्र का एक सांस्कृतिक और पर्यावरणीय रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। इस दौरे का उद्देश्य तांदी संगम क्षेत्र में पारिस्थितिक पुनर्स्थापन (Eco-Restoration), बाढ़ सुरक्षा तथा सतत विकास की संभावनाओं का आकलन और मूल्यांकन करना था।
इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग और बीएसएनएल के अधिकारी भी उपस्थित थे। दौरे का मुख्य उद्देश्य वर्तमान चुनौतियों का अवलोकन करना और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर चर्चा करना था, जिससे तांदी संगम का पारिस्थितिक संतुलन और सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रह सके।
इस दौरान विभिन्न प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया जिनमें पारिस्थितिक पुनर्स्थापन तांदी संगम की प्राकृतिक संरचना और जैव विविधता को संरक्षित करने के उपाय, बाढ़ सुरक्षा रणनीतियाँ क्षेत्र की मौसमी बाढ़ की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त प्रबंधन, सतत पर्यटन अवसंरचना का विकास पर्यावरणीय और स्थानीय परंपराओं के अनुरूप पर्यटन सुविधाओं के निर्माण करना। उन्होंने दौरे के दौरान यह स्पष्ट किया कि विकास कार्यों को पर्यावरणीय संवेदनशीलता के साथ संतुलित करना आवश्यक है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि तांदी संगम क्षेत्र के चरणबद्ध और सतत विकास के लिए पारंपरिक ज्ञान एवं आधुनिक तकनीक को समाहित करते हुए एक समग्र योजना तैयार की जाए।
यह पहल जिला प्रशासन की पारिस्थितिक संरक्षण, आपदा सहनशीलता और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे लाहौल-स्पीति का सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सके।

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