केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आव्हान पर अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

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सुरभि न्यूज़

प्रताप अरनोट, जोगिंदर नगर : 9 जुलाई

केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आव्हान पर आज सीटू से संबंधित आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन, 108 व 102 एम्बुलेंस वर्कर्स यूनियन, हिमाचल किसान सभा, जनवादी नौजवान सभा तथा अन्य जनसंगठनों ने आज जोगिंदर नगर में संयुक्त रूप से जोरदार प्रदर्शन किया गया। रामलीला मैदान से एसडीएम कार्यालय तक सैकड़ों मजदूरों किसानों, स्कीम वर्करों ने विशाल जलूस निकाला। इस अवसर हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष रविंदर कुमार, आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन की चौंतड़ा प्रोजेक्ट कमेटी की वरिष्ठ उप प्रधान अर्चना, सचिव रानी देवी, मिड डे मील की चौंतड़ा खंड की प्रधान संधो देवी, द्रंग खंड की पुनी देवी, मीना देवी, किसान सभा ब्लॉक अध्यक्ष रविंदर कुमार, नौजवान सभा के ब्लॉक अध्यक्ष संजय जमवाल, सचिव अर्जुन बडवाल, किसान सभा के उपाध्यक्ष नरेश धरवाल, सह सचिव रूप सिंह, 108 व 102 एम्बुलेंस वर्कर्स यूनियन के जिला प्रधान सुमित कुमार तथा सचिव पंकज ने संबोधित किया।

इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि अच्छे दिनों का वादा करके व मोदी की गारंटी की दुहाई देकर सत्ता में आई मोदी 1,2,3 सरकारों ने पिछले 11 सालों से कई मजदूर, कर्मचारी, किसान व आम जनता विरोधी कदम उठाए हैं। मोदी सरकार के घोषित चार लेबर कोड को लागू करने का एजेंडा पूर्णत मजदूर विरोधी है। आजादी से पहले और बाद में मजदूरों के संघर्षों और कुर्बानियों से बने 44 श्रम कानूनों को चार मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं में बदल दिया गया, जिससे 74% मजदूर सामाजिक सुरक्षा व 70% उद्योग श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे लेबर कोड में हड़ताल करने पर मजदूरों को वैसे ही सख्त सजाओ का प्रावधान किया गया है। जैसा कि ट्रांसपोर्ट मालिकों और ड्राइवर के लिए दुर्घटना की स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट में किया गया है। मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों के कारण मजदूरों के धरने, प्रदर्शनों, रैलियां व हड़तालों पर घोषित प्रतिबंध लग जाएगा तथा हड़ताल व प्रदर्शन करने पर मजदूरों को गंभीर सजा व जेल भुगतनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने फिक्स्ड टर्म रोजगार की अधिसूचना पहले ही कर दी है जिससे मजदूर नियमित रोजगार से वंचित हो जाएगा। मजदूरों के काम के घंटे 8 से बढ़कर 12 घंटे करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है।

उन्होंने मांग की कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 2600 रूपये प्रति माह किया जाए, ठेका व आऊट सोर्स नीति बनाई जाए, सभी स्कीम वर्करों को पक्का किया जाए, आंगनबाड़ी को जब तक सर्जरी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता तब तक केरल व हरियाणा की तर्ज पर मानदेय दिया जाए, ग्रैच्युटी व पेंशन दी जाए। मिड डे मील वर्करों को छुट्टियों के वेतन सहित पूरे 12 महीने का मानदेय दिया जाए, उनके मानदेय में वृद्धि की जाए तथा दिहाड़ीदारों जितना मानदेय दिया जाए और उन्हें पक्का किया जाए, किसी भी वर्कर को निकला न जाए। 108 व 102 एम्बुलेंस कर्मियों बारे कोर्ट के फैसले को लागू किया जाए तथा 8 घंटे से ऊपर ड्यूटी का ओवरटाइम दिया जाए, उन्हें अन्य भत्ते भी दिए जाएं।

उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ जारी बेदखली की मुहिम को तुरंत रोक जाए। आपदा प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए तथा उनके पुनर्वास के प्रबंध किए जाएं, मकान के बदले मकान व जमीन के बदले जमीन दी जाए। उन्होंने जोगिंदर नगर में सारी सेवाओं के चरमराने पर सरकार को आड़े हाथों लिया था इन्हें दुरुस्त करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि निशानदेही के बाद भी लोक निर्माण विभाग गड़ूही, भौरा कस की हरिजन बस्ती को खोलने के लिए आनाकानी कर रहा है। यदि जल्दी ही सड़क नहीं खोली तो किसान सभा इस मुद्दे पर भूख हड़ताल शुरू कर देगी।

रविंदर कुमार ने अस्पतालों में डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने तथा मनरेगा कामगारों की रुकी दिहाड़ी देने की मांग उठाई। संजय जमवाल ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार युवाओं को नौकरियां देने में असफल साबित हुई हैं तथा जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा रही हैं। उन्होंने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की मांग को प्रमुखता से उठाया तथा किसान सभा व मजदूर यूनियनों की मांगों का समर्थन किया।

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