सुरभि न्यूज़, कुल्लू : जिला कुल्लू के सभी किसानों को फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। जिला में मक्की फसल पर प्रकोप पिछले 2-3 वर्षों से इस कीट का देखने को मिल रहा है। कृषि उपनिदेशक कुल्लू सुशील शर्मा ने कहा कि इस कीट की मॉनिटरिंग के लिए जिला डायग्नोस्टिक टीम का गठन किया गया है जिसमें जिला कृषि अधिकारी सुशील कुमार, कृषि विज्ञान केन्द्र बजौरा के वैज्ञानिक डॉ. रमेश लाल, कृषि विकास अधिकारी हरि राम तथा कृषि बिभाग कुल्लू के विषयवस्तु विशेषज्ञ शामिल हैं।
डायग्नोस्टिक टीम ने रेरी, छोयल व छोयल गदौरी गाँव का दौरा किया जहाँ पर इस कीट का 10% प्रकोप पाया गया।
इस दौरान कृषि विकास तथा अधिकारी भून्तर, मधुसूदन शर्मा भी मौजूद रहे।
जिला कृषि अधिकारी सुशील कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कीट के लार्वा मक्की की फसल को भारी क्षति पहुंचा सकते हैं और इसके प्रारंभिक लक्षण पत्तियों पर अनियमित छेद तथा बड़ी मात्रा में अपशिष्ट निकलता है। इससे मक्की की पतियों पर गोल और आयताकार छेद बन जाते हैं।
डॉ रमेश लाल ने बताया कि इनके अंडों का रंग भूरा तथा ये बालों से ढके होते हैं, किसान इसकी पहचान आसानी से कर सकते हैं।
इन कीटनाशकों का करें छिड़काव :
क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी (कोराजेन ) 0.4 मिलीलीटर प्रति लीटर या स्पिनटोरम लीटर या 11.7 एससी (डेलीगेट) 0.5 मिलीलीटर प्रतिलीटर एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी (मिसाइल) 0.4 ग्राम प्रति लीटर।
स्प्रे की मात्रा : 20 दिन तक पुरानी फसल के लिए 120 लीटर पानी प्रति एकड़ तथा उससे ज्यादा दिन की प्रति एकड़ का प्रयोग फसल के लिए 200 लीटर पानी कर सकते हैं।
जिला डायग्नोस्टिक टीम प्रइस कीट के प्रभावी प्रबंधन के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को आवश्यक जानकारी प्रदान कर रही है।