सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
विजयराज उपाध्याय, बिलासपुर
अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन में इस बार हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार रतन चंद ‘रत्नेश’ को लघुकथा सेवी सम्मान से नवाजा जाएगा। यह सम्मान उन्हें 10 सितंबर को हरियाणा के सिरसा में आयोजित हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच में प्रदान किया जाएगा। यह जानकारी मंच से जुड़ी डाॅ. शील कौशिक ने दी। रत्नेश हिमाचल की लघुकथाओं पर एक अर्से से कार्य करते आ रहे हैं और हिमाचल की श्रेष्ठ लघुकथाएं, लघुकथा हिमाचल, लघुकथाएं हिमाचल से और हिमाचल के लघुकथाकारों की पुस्तक ओस का संपादन कर चुके हैं। साथ ही हिमाचल की लघुकथा पर उनके शोधपरक लेख कई पुस्तकों में संकलित किए जा चुके हैं।
रत्नेश स्वयं भी एक समर्थ लघुकथाकार हैं और अब तक उनकी तीन सौ से अधिक लघुकथाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी पहली लघुकथा भिखारी 1983 में प्रकाशित हुई थी जो बड़ी चर्चित रही।
लघुकथाओं के अलावा वे समान रूप से कहानियां, कविताएं, व्यंग्य, बाल-साहित्य में लेखन के साथ-साथ अनुवाद का वृहद कार्य करते आ रहे हैं। उनकी प्रकाशित पुस्तकों में तीन कहानी-संग्रह, दो लघुकथा संग्रह, बांग्ला से अनुवाद की चार पुस्तकें, एक कविता-संग्रह और चार संपादित पुस्तकें हैं।
इस वर्ष अब तक उनकी तीन पुस्तकें कोई अपना (लघुकथा संग्रह), खिड़की पर छांह (कविता संग्रह) और महाभारत (अनुवाद) छ्प चुके हैं और तीन पुस्तकें टंकी पर नौटंकी (व्यंग्य संग्रह), प्रतिनिधि कहानियां और एक शोकगीत का रिमिक्स (उपन्यास) प्रकाशनाधीन हैं।