सुरभि न्यूज ब्यूरो
कुल्लू, 4 सितबंर
नाट्यश्रेष्ठ थिएटर ग्रुप भुन्तर के कलाकारों ने भुन्तर की ग्रांम पंचायत खोखण स्थित जमोट गांव में विजयदान देथा की कहानी पर आधारित नाटक दृविधा का सफल मंचन किया।
रेवत राम विक्की के निर्देषन में आंचल, ईषा, पायल, हंसराज, दिनेष, रितिक, देषराज, वंषिका, भास्कर, दीपांषु, सिमरन, जानवी, सूरज, दिनेष कुमार, परमानन्द, शीमल, रूकमणी, आयुष, प्रताप व वंषुल कलाकारों ने अपने अभिनय से उपस्थित दर्षकों का मन मोह लिया तथा दर्शकों को तालियों बजाने पर मजबूर कर दिया। नाटक को आसपास के चार-पांच गांवों के दर्शकों ने भरपुर आनद लिया।
दृविधा नाटक की कहानी में एक व्यापारी के बेटे की शादी होती है जब बारात वापिस आती है तो वह एक पेड़ के पास आ रूकतीहै वहा एक भूत वास करता है और उसका दिल दुल्हन पर आता है। दुल्हा शादी के दूसरे ही दिन शहर व्यापार के लिए जाता है और भूत मौका पाकर उसका भेष धारण कर उसके घर पुहुंचता है और दुल्हन के साथ चार साल तक उसका पति बनकर रहता है। जब असली पति वापिस आता है तो असली कौन और नकली कौन की बहस चल पड़ती है। अन्ततः यह फैसला होता है कि राजा के पास जाकर ही न्याय करेंगे कि असली कौन है और नकली कौन है।
रास्ते में उन्हे एक गड़रिया मिलता है वह असली नकलह की पहचान करवाता है। वह चालाकी से भूत को मषक में बंद कर देता है। सब खुष होते हैं लेकिन दुल्हन दुःखी होती है क्योंकि वह भूत को ही असली पति मानती है क्योंकि उसे अपने व्याह किए हुए पति से वैसा प्यार कभी नहीं मिला।
नाटक संध्या में भारतीय सेना से सेवानिवृत नरेन्द्र कुमार ने मुख्ख् अतिथि शिरकत की। उन्होंने इन युवा कलाकारों के प्रयास की मुक्त कण्ठ से सराहना की।
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