सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
कुल्लू, 8 सितंबर
मंडी का आईआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज कमांद देश का सबसे टॉप का कॉलेज माना जाता है जिसके निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा है।
उनका एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिससे वह विवादों के घेरे में आ गए हैं। वीडियो में प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा संस्थान में बच्चों को यह शिक्षा दे रहे हैं कि हिमाचल में त्रासदी व आपदा इसलिए आई है, क्योंकि हिमाचल के लोग मांस खाते हैं।
यह अजीबोगरीब अवैज्ञानिक बयान आईआईटी मंडी के सबसे उच्च पद पर बैठे प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा की तरफ से आया है। एक तरफ जहां बहुत से देव संस्कृति को मानने वाले हिमाचली लोग यह कह रहे हैं की बलि प्रथा पर रोक के कारण हिमाचल में आपदा आयी है।
अब आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज के हेड प्रोफेसर यह बयान दे रहे हैं कि जानवरों को काटने और मांस खाने से हिमाचल में यह त्रासदी आई है और इसी कारण भूस्खलन हो रहे है। इस बयान से कई संस्थाएं कड़े शब्दों से निंदा कर रही है।
निदेशक के उपरोक्त बयान पर हिमाचल प्रदेश ज्ञान विज्ञान समिति ने कहा कि आईआईटी मण्डी के निदेशक का यह बयान की हिमाचल के लोग मीट खाते है इसलिए आई है आपदा, उनका यह बयान हिमाचल के जन मानस के जख्मो पर नमक छिड़कने जैसा है जिसकी कड़े शब्दो मे निन्दा करते है।
जबकि प्रोफेसर के इस बयान पर ज्ञान विज्ञान समिति के जिला अध्यक्ष ललित शर्मा ने प्रैसवार्ता में कहा है कि मण्डी के निदेशक का यह बयान बेतुका और संस्थान की गरिमा को धूमिल करने वाला है।
ललित शर्मा ने कहा कि इस तरह के बयान समाज में अंधविश्वास और भ्रांतियां पैदा करते हैं। आईआईटी निदेशक को कम से कम अपने पद और संस्थान की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।
शर्मा ने कहा कि एक तरफ तो सरकार की ओर से आईआईटी और अन्य संस्थानों को प्रदेश में आई आपदा पर वैज्ञानिक अध्ययन करने का आग्रह किया जा रहा है तो दूसरी ओर संस्थान के निदेशक का इस तरह का बयान अवैज्ञानिक और गुमराह करने वाला है।
हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति का मानना है कि आईआईटी मण्डी के छात्र बहुत नवाचारी और उम्दा काम कर रहे हैं लेकिन निदेशक बेहरा जैसे लोग संस्थान गरिमा को धूमिल करने का काम कर रहे हैं।
समिति ने सरकार से मांग की है कि आईआईटी निदेशक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए और उन्हें तुरन्त पद से हटाया जाए।
वहीं जोगिंदर वालिया का कहना है कि आईआईटी मण्डी के निदेशक का यह बया न की हिमाचल के लोग मीट खाते है इसलिए आई है आपदा, उनका यह बयान हिमाचल के जन मानस के जख्मो पर नमक छिड़कने जैसा है जिसकी कड़े शब्दो मे निन्दा करते है,निदेशक का उपरोक्त बयान बेतुका और संस्थान की गरिमा को धूमिल करने वाला है। निदेशक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए और उन्हें तुरन्त पद से हटाया जाए।