छोटाभंगाल तथा चौहार घाटी में गत पांच दशकों से भयंकर आग्निकांड से सैंकड़ों मकान जल जाने के साथ करोड़ों रुपये की संपत्ति स्वाह 

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सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, 03 अप्रैल

जिला कांगड़ा के छोटाभंगाल तथा जिला मंडी की चौहार घाटी में गत लगभग पांच दशकों से कई छोटे से लेकर बड़े- बड़े भयंकर आग्निकांड हो चुके हैं जिससे जान माल के नुकसान के साथ करोड़ों रुपये की संपत्ति स्वाह हो चुकी है। भयंकर अग्निकांड को देखते हुए सरकार व प्रशासन ने दोनों क्षेत्र के गाँवों में आग से बचाव के लिए आज तक कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं किए। आज तक दोनों क्षेत्र के गाँवों में कई भयंकर आग्निकांड हो चुके हैं।

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1971 के बाद से क्षेत्र में घटित हुए अग्निकांडों से अबतक करोड़ों रूपये का नुक्सान हो जाने के साथ कई लोगों को अपनी जान भी गंवाना पड़ी है। छोटाभंगाल घाटी की बड़ा ग्रां पंचायत की प्रधान चन्द्रमणी देवी, कोठी कोहड़ पंचायत की प्रधान रक्षा देवी, धरमान पंचायत की प्रधान रेखा देवी, मुल्थान पंचायत की प्रधान दुर्गेश कुमारी, लोआई पंचायत के उपप्रधान तिलक ठाकुर तथा चौहार घाटी की खलैहल पंचायत प्रधान भागमल, लपास पंचायत के प्रधान रमेश चंद, पूर्व उपप्रधान भोखी राम सहित क्षेत्र के समस्त लोगों का कहना है कि मुल्थान या बरोट में अग्निशमन केंद्र खोलने की मांग कई बार की जा चुकी है मगर आजतक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है जिससे दोनों क्षेत्र वासियों का सरकार और प्रशासन के प्रति गहरा रोष ब्याप्त है। उन्होंने एक बार फिर से मांग की है कि समय रहते मुल्थान या फिर बरोट में अग्निशमन केन्द्र को स्थापित किया जाए।

उनका कहना है कि छोटा भंगाल तथा बड़ा भंगाल घाटी में आठ पंचायतें हैं और इन पंचायतों के अंतर्गत लगभग पैतीस गाँव तथा उपगांव पड़ते है जिसकी कुल आबादी लगभग नौ हज़ार है तथा चौहार घाटी की तेरह पंचायतें है और इन पंचायतों के अंतर्गत लगभग 120 गाँव तथा उपगांव पड़ते हैं। उनमें से अधिकांश गाँव अब सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं मगर सरकार द्वारा यहाँ पर अग्निशमन केन्द्र स्थापित न करने पर बिल्कुल अन्याय ही किया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गत पांच दशकों में वर्ष 1971 में छोटाभंगाल के बड़ा ग्रां में 90 घर, वर्ष 1990 में स्वाड़ गाँव में 36 घर, वर्ष 1980 में तरमेहर गाँव में 52 घर और इसी गाँव में ही वर्ष 1984 में 18 घर, वर्ष 1995 में अन्दरली मलाह गाँव में 80 घर, वर्ष 1999 में खड़ी मलाह गाँव में 14 घर, वर्ष 2005 में बखलोग गाँव में 15 घर अग्निकांड से पूरी तरह स्वाह हो गए जिनमें पांच लोग तथा दर्जनों पशु भी आग की चपेट में आकर ज़िंदा जल गए। वर्ष 2006 में में अन्दरली मलाह गाँव में फिर एक बार 40 मकान, वर्ष 2007 में पोलिंग गाँव में तीन मंजिला मकान जलकर राख हो गया। वर्ष 2010 तथा वर्ष 2014 में कोठी कोहड़ गाँव में दो मंजिला मकान, वर्ष 2012 में गाँव लोआई में 20 मकान, वर्ष 2013 में लोहारडी बाज़ार में एक लकड़ी के खोखे रह रहा बुजूर्ग खोखे सहित जिन्दा जला, वर्ष 2013 मे फिर एक बार तीन मंजिला मकान आग की भेंट चढ़ गया है।

इसके अलावा वर्ष 2004, चौहार घाटी के वोचिंग गाँव में नौ मकान, वर्ष 2006 में कढियाण गाँव में छः मकान व पशु, वर्ष 2007 में गाँव ख्बाण में तीन मकान तथा एक युवती भी ज़िंदा ही जल गई। वर्ष 2011 में गाँव लचकंडी में तीन मकान, वर्ष 2014 में धमरहेड़ गाँव में दो मंजिला मकान जल कर राख हो गया है। वर्ष 2012 मे गाँव थुजी में एक मकान जलकर पूरी तरह राख हो चुका है और अब वर्ष 2024 में गत दिन रूलिंग गाँव में एक तीन मंजिला मकान तथा बड़ी झरवाड़ गाँव में भी एक तीन मंजिला मकान व साथ लगता एक मकान लगभग पच्चास प्रतिशत जल गया।

इस बारे में द्रंग के विधायक पूरन चंद ठाकुर का कहना है कि क्षेत्र वासियों द्वारा अग्निशमन केेंद्र खोलने की जायज़ मांग है। इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार से अवश्य ही बात की जाएगी। वहीँ बैजनाथ के विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में पेश किए गए बज़ट सत्र के दौरान छोटा भंगाल के मुल्थान में अग्निशमन केन्द्र को स्थापित करने की बात अपने आप कही  है। उन्होंने कहा कि यहाँ के लोगों की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए वे स्वयं मुख्यमंत्री से अग्निशमन केन्द्र स्थापित करने के लिए याद दिलाते रहेंगे और उन्होंने पूर्ण विश्वाश जताया है कि अवश्य ही जल्दी ही अग्निशमन केेंद्र स्थापित कर दिया जाएगा।

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