सुरभि न्यूज़
चान्दपुर (बिलासपुर)
गत दिन कल्याण कला मंच बिलासपुर की कला कलम गोष्ठी ओएल पंचायत के दनोह वार्ड में कविता उद्द्यान के बीच प्रकृति की गोदी में संपन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता सुशील पुंडीर परिंदा ने की जबकि डा हेमा ठाकुर और जीत राम सुमन सह अध्यक्ष के रुप में उपस्थित रहे। तृप्ता कौर मुसाफिर ने सुन्दर मंच संचालन किया। गोष्ठी का शुभारंभ कविता सिसोदिया ने अपनी कविता में होते हैं नन्हे मुन्ने बालक फूलों से भी प्यारे जबकि कुमारी पूजा ने डुगी डुगी नदियां बडी तेज धारां हो पत्तने देआ तारुआ पहाड़ी गीत सुनाया। कुमारी आशा ने तू ही बता भगवन गरीबी क्यूं तडपाती है गरीबी पर अपनी कविता सुनाई जबकि वयोवृद्ध चिन्तक राम पाल डोगरा ने मैं साहित्यकार नहीं पर अभिब्यक्ति सुनाई। लोक गायक लस्करी राम ने भला ओ बाबा कालेआ तेरी कुटिया हनु ओ मान टीले भजन प्रस्तुत किया वहीं सीता जसवाल ने आते हैं जब त्योहार खुशी की लहर छा जाती है अपनी रीति रिवाज पर प्रकाश डाला। वयोवृद्ध गायिका चिन्ता देवी भारद्वाज ने सो जा सो जा कृष्ण कन्हैया तेरा पालणा झुलावे जसोधा भजन सुनाया जबकि हास्य कवियत्रि बीना वर्धन ने कद्दू खाणा ना घिया खाणा ना खाणा जमिकन्द कियां औणी जियुणे री नंद सुनाकर सबको हंसाया। रविंद्र कुमार शर्मा ने सुबह शाम करें सूर्य नमस्कार सुबह के नियमों से अवगत किया जबकि वाइस आफ माउंटेन रविंद्र कमल चान्देल ने गीत यही मैं गाता हूं गीत यही मैं गाता रहूंगा गया गाना सुनाकर मंत्रमुग्द किया। कर्मवीर कंडेरा ने आपके आने से महफिल में बहार आ गई गजल सुनाई जबकि अमरनाथ धीमान ने सोहणी सनक्खी ये बन्दले री धार प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति सचेत किया। गेस्ट कवियत्री मोनिका ने पल भर बई लेना बई लेना ओ जिन्दे लोक गीत सुनाया जबकि नन्ही कौशिकी ने कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती सोचने पर मजबूर किया। राहियां की भजन गायिका जमना देवी ने हरि दिया सरना च आई जा ओ बन्देआ एहडा ठिकाणा नहीं ओ मिलणा भजन सुनाया जबकि कल्लर की तृप्ता कौर मुसाफिर ने बाल कविता-चुन्नू मुन्नू प्यारा प्यारा उठ जा मेरा राज दुलारा बच्चों को इयाद किया।बामटा के सुरेन्द्र मिन्हास ने अम्मा मेरा बडा ख्याल रखदी सुत्तुरे जो बी पले पले ढक्कदी मां की ममता को याद किया जबकि सह अध्यक्ष जीत राम सुमन ने किताबें करती हैं बातें बीते पलों की कविता सुनाकर सबको पढ़ने के लिए प्रेरित किया। सह अध्यक्ष डाक्टर हेमा देवी ठाकुर ने बहुत सुन्दर मंच है प्यारा सा गुल्दस्ता है हर फूल न्यारा सा संस्था का गुणगान किया जबकि अध्यक्ष सुशील पुंडीर परिंदा ने कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों की रचनाओं की समीक्षा की और अपनी हास्य रचना यूं कही ओ मुइये फुलमू मत बण तू एड्डी जुलमू सुना कर सबको खूब हँसाया। अन्त में मंच के संयोजक अमरनाथ धीमान ने दूर दूर से पधारे सभी कलाकारों का आने के लिये धन्यवाद किया और सभी ने कहलूरी धाम का आनन्द उठाया ।