सुरभि न्यूज़
खुशी राम ठाकुर, बरोट
मंडी और कांगड़ा जिले की सीमा पर स्थित मुल्थान में लम्बाडग नदी के किनारे बने 25 मेगावाट केयू हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की सुरंग के अंदर पाईप से पानी का रिसाव होने से लोगों में भारी गुस्सा है। लोगों का आरोप है कि करीब एक साल पहले यहां रिसाव की शिकायत की गई थी, लेकिन कुछ कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि परियोजना में धड़ल्ले से बिजली उत्पादन हो रहा है। कंपनी प्रबंधन ने दावा किया था कि अब रिसाव नहीं होगा, लेकिन रिसाव होता रहा। कंपनी प्रबंधन ने सुध नहीं ली और एक बड़ा हादसा हो गया गनिमत यह रही कि जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा है कि इस परियोजना को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाए।
गौरतलव है कि गत दिन शुक्रवार को सुबह लगभग नौ बजे अचानक मुल्थान गाँववासियों की उपजाऊ जमीन से होते हुए पानी का बहाव मुल्थान बाज़ार की ओर बढ़ने लगा तो लोगों में चींख पुकार मच गई। देखते ही देखते पानी के तेज बहाव से मुल्थान गाँव के किसानों की लगभग 35 करनाल उपजाऊ जमीन खड्ड में तबदील हो गई। वहीँ मुल्थान बाज़ार में दुकानों और रिहायसी मकानों के अन्दर में पानी व कीचड़ घुस गया। शुक्रवार को घटी इस घटना के कारण स्थानीय लोग पूरी तरह सहमें हुए है और रात भर जागते रहे।
ग्रामीणों ने बेलचा हाथ में लेकर मलबा हटाया। हालांकि पहाड़ी से मुल्थान बाजार की तरफ को आ रहा पानी लगातार आना जारी रहा, लेकिन बाजार में मलबे को हटाकर कुछ हद तक पानी को आगे जाने तक लोगों ने रोक दिया। इस कार्य में जेसीबी भी लगी रही और भारी मात्रा में आ रहे पानी के रुख को दूसरी तरफ किया।
मुल्थान बाज़ार में केयू हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट की सुरंग के अंदर पाईप से पानी के हुए रिसाव ने भारी कहर मचाया। होटल व्यवसायियों, दुकानदारों व रिहायशी मकानों में रहने वाले परिवारों का भारी नुक्सान होने का अनुमान है। प्रभावितों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना से प्रभावितों का पांच हज़ार से पन्द्रह लाख रूपये तक का नुक्सान हुआ है। प्रशासन को हालत सामान्य करने के लिए कड़ी मशक्त करनी पड़ रही है मगर पानी के तेज बहाव से मुल्थान बाज़ार में दूसरे दिन भी हालत सामान्य ही नहीं हो पा रहे है।
कंपनी प्रबंधन का दावा है कि घटना का पता चलते ही रेजरवायर तुरंत खाली करवाया गया, जबकि टनल की तरफ छोड़े जाने वाले पानी के दोनों गेट बंद कर दिए थे, ताकि पानी टनल में आगे न जाए। इस घटना को देखते हुए प्रोजेक्ट प्रबंधन सभी प्रभावित लोगों का हुए सारे नुक्सान की भरपाई करने की पूरी हामी भर रहा है।
सुरंग के अंदर पाईप से पानी के हुए रिसाव के कारण मुल्थान बाज़ार के बीच आने वाला सड़क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने से दो दिन से मुल्थान – बड़ा ग्रां सड़क मार्ग वाहनों के लिए ठप पड़ गया है वहीँ मुल्थान बाज़ार तक आने वाली पानी की सप्लाई भी पाईपें टूटने के कारण बंद हो गई है जिस कारण लोग नदी का पानी पीने को मज़बूर है। –मुल्थान बाज़ार की दुकाने दो दिन से बंद होने से बिल्कुल सुनसान है।
उल्लेखनीय है कि इस घटना के आठ घंटे बाद प्रशासन और करीब चार घंटे बाद कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीपीएस किशोरी लाल के मौके पर पहुंचने के बाद लोक निर्माण विभाग की एक जेसीबी मौके पर पहुंची, जबकि ग्रामीणों ने खुद ही बाजार और गांव को सुरक्षित करने के लिए पानी और मलबे का रुख बदलकर लंबाडग नदी की तरफ मोड़ा। प्रशासन चुनावी बैठकों में ही व्यस्त रहा वहीँ 150 से अधिक परिवार और कारोबारी इस दौरान दहशत में रहे। स्थानीय स्तर पर तहसीलदार छुट्टी पर होने के चलते केवल पटवारी ही मौजूद रहे।
इस मौके पर प्रोजेक्ट कार्यकारी प्रबंधक देवी सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में उच्चाधिकारियों को मौके का जायजा लेने के लिए बुलाया है वहीँ इसका कुछ न कुछ समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि पानी के रिसाव होने से प्रोजेक्ट का भी लगभग नौ करोड़ का नुक्सान हो गया है और उन्होंने एसडीएम के समक्ष सभी प्रभावितों के नुक्सान की भरपाई करने की हामी भरी है। इस घटना से प्रभावित हुए 29 परिवार सहित मात्र एक व्यक्ति अलग से कमरे में रहने के लिए शिफ्ट कर दिया है, जिनका खाने–पीने सहित सारा खर्चा प्रोजेक्ट प्रबंधन उठाएगा।
इस दौरान एसडीएम डीएस ठाकुर ने प्रशासन की ओर से विभिन्न कुल 42 प्रभावितों में से 39 प्रभावितों को पांच–पांच हज़ार व 3 प्रभावितों को 25- 25 सौ रूपये तथा 2 प्रभावितों को मात्र एक–एक हज़ार रूपये की नगद राशि फौरी राहत बतौर प्रदान की। उन्होंने कहाकि हर प्रभावितों की हर संभव सहायता की जाएगी। उसके बाद एसडीएम बैजनाथ ने तहसीलदार मुल्थान वरूण गुलाटी तथा स्थानीय पटवारियों को साथ लेकर प्रोजेक्ट प्रबंधन के आउटलेट स्थान का दौरा किया जहां इस पानी का रिसाव हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही कृषि विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ डाक्टर रेणू शर्मा ने टीम सहित मुल्थान में प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया तथा सभी प्रभावित किसानों की प्रभावित हुई उपजाऊ जमीन का जायज़ा लिया। डाक्टर रेणू शर्मा ने बताया कि पानी के तेज बहाव से पच्चास किसानों की सौ कनाल जमीन बह गई है जिसमें किसानों ने नगदी फसल आलू, लुहसन, जौ, बंद तथा फूल गोभी की पनीरियाँ उगा रखी थी। इसके साथ लगभग पांच कनाल जमीन में सेब के बागीचे को भी नुक्सान पहुंचा है।