कागजी औपचारिकताओं के फेर में फंसा दलाश का प्रस्तावित पॉलीटेक्निक संस्थान

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सुरभि न्यूज़
आनी, 16 मई
पूर्व सरकार द्वारा आनी क्षेत्र के दलाश में घोषित पॉलीटेक्निक संस्थान पिछले करीब पांच सालों से फाईलों में ही सिमट कर रहा गया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सभी विभागीय औपचारिकताओ को पूरा करने के बाद इसे विभाग को तो सौंप दिया है किन्तु पांच साल बीत जाने के बाद भी ये संस्थान दफ्तरों की फाईलों में धूल फांक रहा है।
विधित रहे कि 2016 में कांग्रेस सरकार के समय में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने दलाश में पॉलीटेक्निक संस्थान खोलने की घोषणा की थी। 2017 के  विधानसभा चुनाव से पहले निरमंड में इसका फाउंडेशन स्टोन भी रख लिया गया था, जबकि  2017 के विधानसभा चुनाव समपन्न होने के बाद भाजपा सरकार प्रदेश में सतासीन हुई।  इस संस्थान को डिनोटिफाइड कर दिया गया, जिसका कारण भाजपा सरकार ने पूर्व कांग्रेस सरकार की आधी अधूरी नोटिफिकेशन बताया और फिर पुनः भाजपा सरकार ने 2018 में इसे कैबिनेट से स्वीकृति प्रदान करके दलाश पॉलीटेक्निक संस्थान में 5 ट्रेड के साथ 97 पोस्टें स्वीकृत कीं।
बीते विधानसभा चुनावों में आनी विधानसभा क्षेत्रों के सभी पार्टी पदाधिकारीयों व आजाद प्रत्याशियों ने इसे जल्द खोलने का हर मंच से बायदा किया था। चुनाव समपन्न होने के डेढ वर्ष के बाद भी अभी तक ये संस्थान एफ.सी.ऐ. के फेर में ही फंसा है। कोई भी राजनीतिक दल इस संस्थान को खोलने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। वहीं इस लोकसभा चुनाव में भी सभी दल  के नेता इसे खोलने का एक बार फिर आश्वसन दे रहे हैं।
दलाश पॉलीटेक्निक संस्थान तकनीकी शिक्षा में आनी व साथ लगती करीब आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों का सबसे बडा संस्थान होगा। साथ लगती आधा दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में भी ये संस्थान नहीं है। इसके यहां खुल जाने से इस सभी विधानसभा क्षेत्रों के बच्चों को घर द्वार में ही अच्छी टेक्निकल शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। किन्तु बिडम्बना यह है कि पांच साल बीत जाने के बाद भी इस संस्थान की फाईल दफ्तरों के टेबल पर ही धूल फांक रही है।
स्थानीय जनप्रतिनिधि दलाश पंचायत  के प्रधान सत्येंद्र शर्मा, उप प्रधान सोहनी राम राठी, व्युंगल पंचायत प्रधान जालप राम, डिंगीधार पंचायत प्रधान बंसी लाल, आनी बीडीसी तथा चेयरमैन विजय कंवर ने विभाग व सरकार से इस संस्थान की  शेष औपचारिकताओं को जल्द पुरी करने की जोरदार मांग की  है। उधर जब इस बारे में निर्देशक तकनीकी शिक्षा विभाग सुंदरनगर अक्षय सूद ने बताया कि पॉलीटेक्निक संस्थान दलाश की फाईल एफ.सी.ऐ. की क्लीयरेंस के लिए वन विभाग के पास भेजी गई है। जैसे ही वन विभाग की तरफ से एफ.सी. ऐ. की क्लीयरेंस रिपोर्ट आती है फिर इस बारे में आगे की कार्यवाही जल्द अमल में लाई जाऐगी।

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