सुरभि न्यूज़ ब्युरो
सिधवां, बंजार : 25 जुलाई
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता इंदु पटियाल ने मीडिया से बजट के बारे में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पारित बजट पूरी तरह से दिशाहीन है, इसमें गरीब, मजदूर, किसान, युवाओं और महिलाओं की अनदेखी की गई है। बजट में कांग्रेस के गारंटी शब्द की खूब नकल तो की गई है किंतु आंकड़ों का अध्ययन करने पर ये भ्रमजाल् ही साबित होगा।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण मनरेगा मजदूरों की न्यूनतम दिहाड़ी 400 रुपए निश्चित की जानी चाहिए। मनरेगा में अधिकतर महिलाएं ही मजदूरी कर रही हैं, इसलिए वित्तमंत्री एक महिला होने के नाते निर्मला सीतारमण को इस बारे चिंतन करना चाहिए था बल्कि कांग्रेस द्वारा चलाई गई इस योजना को भुला दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने गरीबों एवं मजदूरों को 5 किलो राशन के लिए लाइन में खड़ा कर रखा है। घरेलू गैस सिलेंडर महिलाओं को रूला रहा है। सब्जियां महंगी हुई है। गरीब व मजदूर की थाली से आलू प्याज भी पहुंच से बाहर हो चुका है। किसान एम एस पी की मांग को लेकर शंभू बार्डर पर डटे हुए हैं और आंदोलनरत्त किसानों के साथ दुश्मन सा बर्ताव केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। आंदोलन को कुचलने के प्रयास में 736 किसानों ने अपनी कुर्बानी दी है परन्ततु सरकार ने उनका जिक्र तक नहीं किया। उन्हें आंतकवादी कह कर अपमानित किया गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में 72000 करोड़ रुपए किसानों का कर्ज माफ किया था और मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का 16 लाख करोड़ कर्ज माफ किया जोकि देश की आम जनता के साथ घोर अन्याय है जो की निंदनीय निर्णय है।
उन्होंने कहा कि मोदी की जुमला गारंटी में युवा वेरोजगारों हेतु गत्त 10 वर्षों से केंद्र में 10 लाख नौकरियां नहीं भरी और प्रधानमंत्री प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को नौकरी देना भूल गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में अग्निवीर योजना को युवाओं के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि सरकार ने सेना को दो कैटेगरी में बांट दिया है, एक अधिकारी वर्ग जो सब सुविधाओं से लाभान्वित होंगे और दूसरा अग्निबीर जवान जो सिर्फ मौर्चे पर लड़ेगा या शहीद होगा।
स्पेशल कंपोनेंट प्लान खत्म कर दिया और अनुसूचित जाति/जनजाति का बजट भाजपा शासित राज्यों में आबंटित किया जा रहा है। गत्त वर्ष हिमाचल प्रदेश में घटी आपदा राहत पैकेज पर कोई गारंटी नहीं। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल, पर्यटन, पेट्रोल, डीजल, पेयजल और सिंचाई जैसी मूलभूत योजनाओं के बजट में अनदेखी कर आंकड़ों के जाल में जनता को भ्रमित करने का प्रयास है। यह बजट आम आदमी की उम्मीदों को विचलित करने वाला है।