अनुसूचित जाति / जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक बचत भवन में उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत न्यायालय में लंबित मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई। न्यायालयों में केवल 29 मामले अभी लंबित है। ये मामले 2018 से लेकर आज तक लंबित है।
बैठक में फैसला लिया गया कि उक्त अधिनियम के तहत दर्ज जिन मामलों पर पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट बनाई है, उनकी जांच दोबारा शुरू की जाए। जिला में 17 मामलों में कैंसिलेशन रिपोर्ट बनाई गई है।
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि पुलिस मामलों की जांच तथ्यों और सबूतों के आधार पर करती है।अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जो शिकायत आती है उसमे नियमों के मुताबिक एफआईआर दर्ज की जाती है। पुलिस जब एफआईआर दर्ज करके जांच करती है तो इस दौरान मामला या तो कोर्ट में प्रेषित किया जाता है या कैंसिलेशन रिपोर्ट बनाई जाती है।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, एडिशनल एसपी रत्न नेगी, एडिशनल एसपी नवदीप, जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा, डीएसपी विजय कुमार रघुवंशी, डीएसपी सिटी मानवेंद्र ठाकुर, सीडीपीओ ठियोग सिद्धार्थ शर्मा, सीडीपीओ नरेश शर्मा, गैर सरकारी सदस्य उत्तम सिंह कश्यप, जीत राम पंवर, मीनाक्षी रघुवंशी, मुक्ता कश्यप सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।