सुरभि न्यूज़
प्रताप अरनोट, कुल्लू : 2 अगस्त
उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने बताया कि जिला कुल्लू में लगातार हो रही भारी वर्षा से नदियों और नालों के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है, जिससे सड़के मार्ग, पुल और आधारभूत ढांचे क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में कुल 67 सड़कें वर्षा और भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गई हैं। उपायुक्त ने बताया कि भारी वर्षा के चलते दरका भुंतर रोड एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अतिरिक्त, मलाणा के निकट नीरंग क्षेत्र में अस्थायी पुल बह गया है, वहीं उप-तहसील जरी चौंकी से पौहल के बीच लकड़ी का पुल भी बह गया है ।
उन्होंने बताया कि अवरुद्ध सड़कों में बंजार उपमंडल की 28, कुल्लू उपमंडल की 9, मनाली उपमंडल की 6 और निरमंड उपमंडल की 24 सड़कें शामिल हैं। लोक निर्माण विभाग की टीमें मलबा हटाने और यातायात बहाल करने में जुटी हुई हैं। मनाली उपमंडल के सोलंग नाला से अटल टनल तक हल्के वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई है, जबकि भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्ग रोहतांग के रास्ते भेजा जा रहा है।उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि वर्षा से बिजली आपूर्ति व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। जिला में कुल 101 विद्युत ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं।इनमें कुल्लू डिवीजन के 88 ट्रांसफार्मर और थलौट डिवीजन के 13 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। कुल्लू डिवीजन में मणिकर्ण क्षेत्र में 34, वरशैनी में 28, और दियार में 26 ट्रांसफार्मर बंद हैं, जबकि थलौट डिवीजन में न्येली में 3 और गुरशैणी में 10 ट्रांसफार्मर बंद हैं।
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन पूर्णतः सतर्क है। सभी संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग के चेतावनी संदेशों को गंभीरता से लें, अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों के किनारे न जाएं।
उन्होंने कहा, भारी बारिश के कारण जिला की लगभग सभी प्रमुख नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले क्षेत्रों में खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों में विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति को देखते हुए सभी नागरिकों से आग्रह है कि किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और प्रशासन को तत्काल सूचना दें, ताकि त्वरित राहत पहुंचाई जा सके।