चौहार घाटी में रात के अंधेरे में वाहनों द्वारा छोडे गए अवारा पशु कर रहे फसलें तबाह

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सुरभि न्यूज़

खुशी राम ठाकुर, बरोट

छोटा भंगाल व चौहार घाटी में आवारा पशु किसानो के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। दोनों क्षेत्रों में नास्तिक लोग दुधारू गायों को दूध न देने पर तथा हल जोताई से असमर्थ होने वाले बूढ़े बैलों को छोड़ रहे हैं यह सिलसिला जारी चला हुआ है।

चौहार घाटी की खलैहल पंचायत के झरवाड़ गांव के भागमल, प्रेम सिंह तथा साथ लगती बरोट पंचायत के धर्मचन्द, रवि कुमार, राजकुमार, बुद्धि सिंह, पूर्ण चंद व अमीं चंद किसानों का कहना है कि बरोट – मियोट सड़क मार्ग के लोदर नामक स्थान पर जहां एक ओर बड़ी झरवाड़ गांव के किसानों की जमीन और दूसरी ओर बरोट गांववसिसों की जमीन पड़ती है वहां पर दोनों गांवों के किसानों ने मक्की, राजमाह, आलू तथा विभिन्न प्रकार की सब्जिओं खेती कर रखी है वहीँ उस स्थान पर स्थानीय तथा आसपास स्थानीय लोगों के होम स्टे और गेस्ट हाउस बनाए हुए हैं।

बताया कि फसलों को आवारा पशुओं व जंगली जानवरों से बचाने के लिए दोनों गाँवों के लोगों ने रात दिन के लिए पहरेदार लगा रखे हैं। रात के पहरेदारों ने बताया कि एक रात पहरादेकर सुबह जा रहे थे तो देखा कि बिना टैग दो जर्सी गाय फसलों को उजाड़ रही है। उन्होंने दोनों जर्सी गायों को खेतों से बाहर भगा दिया तथा उस स्थान पर स्थित होम स्टे के मालिक द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो उसमें पाया कि रात के अँधेरे में दोनों गायों को गाड़ी से लाकर यहाँ छोडा गया है। मगर रात का समय होने के चलते सीसीटीवी कैमरे में गाड़ी का नम्बर स्पष्ट नहीं पढ़ा गया।

उन्होंने कहा तब से आज तक दोनों जर्सी गाय बरोट तथा झरवाड़ के क्षेत्र में आवारा घूम रही है जो कि खेतों में घुसकर फसलों को भी नष्ट कर रही है। जिस कारण इन दोनों गांव के किसान काफी परेशान हो गए हैं। उन्होंने स्थानीय खलैहल तथा बरोट पंचायत तथा स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि  छोड़ी गई आवारा जर्सी गायों को कब्जे में लेकर यहां के किसानों को निजात दिलावाई जाए।

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