सुरभि न्यूज़ ब्यूरो
चंडीगढ़
क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स चंडीगढ़ ने 854 ग्राम चरस के साथ पकड़े गए आरोपी की निशानदेही पर हिमाचल प्रदेश स कुल्लू जिला सेे चरस के मेन सप्लायर व डीलर को धर दबोचा है। पकड़े गए मुख्य सप्लायर की पहचान
कुल्लू निवासी शांता कुमार व डीलर की श्याम के रूप में हुई है।
क्राइम ब्रांच ने अब आरोपी राकेश उर्फ रक्कू को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जबकि, शांता कुमार पुलिस रिमांड पर है और श्याम को अभी कोर्ट में पेश करना है।मिली जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने 30 मई को गश्त के दौरान सेक्टर-1/2/3 के चौक से 82 बटालियन के बीच में नाकाबंदी के दौरान एक कार चालक को रोका था।
पूछताछ में उसने बताया था कि वह नया गांव के आदर्श नगर का रहने वाला राकेश उर्फ रक्कू है।
जब क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स की टीम ने उसकी गाड़ी की तलाशी ली तो उसमें से 854 ग्राम चरस के अलावा एक देसी कट्टा व एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। जिसके चलते आरोपी के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने सेक्टर-3 थाने में एनडीपीएस एक्ट-20 व आर्म्स एक्ट-25, 54, 59 के तहत केस दर्ज किया था।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी प्रॉपर्टी डीलर है और पुरानी गाड़ियां बेचने व खरीदने का भी काम करता है। आरोपी को कोर्ट में पेश किया था। जहां से पुलिस ने अदालत से उसका पांच दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया था।
रिमांड के दौरान क्राइम ब्रांच की पूछताछ में राकेश ने बताया कि वह कुल्लू के रहने वाले शांता कुमार से चरस लाया था। यह भी बताया कि वह सस्ते दाम पर चरस लाकर चंडीगढ़ में छात्रों को सप्लाई करता था। राकेश की निशानदेही पर क्राइम ब्रांच की टीम ने मंडी स्थित करसोग में दबिश दी और
शांता कुमार को धर दबोचा। जानकारी के मुताबिक आरोपी शांता कुमार को शिमला पुलिस भी पूर्व में एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर चुकी है।
क्राइम ब्रांच की टीम ने जब शांता कुमार से पूछताछ की तो उसने खुलासा कि वह चरस मेन डीलर कुल्लू निवासी श्याम से खरीदता था। क्राइम ब्रांच टीम ने शांता कुमार की निशानदेही पर श्याम को भी कुल्लू से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि श्याम कुल्लू के जंगल में चरस की खेती कर उसे तैयार करवाकर आगे मेन सप्लायर शांता कुमार को बेचता था। जो आगे ड्रग पेडलरों को बेचता था।
क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी राकेश कुमार पहले बाउंसर था, जो इस काम में नशे के आदि लोगों के संपर्क में आया। तो उसने ड्रग्स सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया। आरोपी पिछले 12 सालों से चरस की तस्करी कर रहा है। वहीं, क्राइम ब्रांच का कहना है कि आरोपी चंडीगढ़ में छात्रों के अलावा पक्के ग्राहकों तक भी चरस पहुंचाता था।